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रामगढ़ की 6 से ज्यादा स्टील फैक्ट्रियां बंद, मजदूरों पर गिरी गाज

रामगढ़ जिले में चल रही आधा दर्जन स्टील फैक्ट्रियां बंद कर दी गई हैं. बिजली दरों में 38% की बढ़ोतरी के कारण मालिकों को नुकसान हो रहा था. तब जाकर अंतिम में वे फैक्ट्री को बंद कर दिए. इससे वहां काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें परिवार के भरण पोषण करने की भी समस्या हो गई है.

फैक्ट्री बंद होने से मजदूर परेशान

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Published : Aug 1, 2019, 9:05 PM IST

रामगढ़: झारखंड विद्युत ऊर्जा निगम लिमिटेड की बिजली दरों में 38 % की बढ़ोतरी के कारण स्टील आधारित प्लांट को हो रहे भारी नुकसान के बाद जिले में आधा दर्जन फैक्ट्रियां गुरुवार से बंद हो गई हैं. जिसके कारण सैकड़ों की संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए. साथ ही साथ राज्य सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान होगा.

फैक्ट्री बंद होने से मजदूर परेशान

पहले ही कही थी बंद करने की बात
बता दें कि पिछले दिनों फैक्ट्री मालिकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि यदि राज्य सरकार जल्द ही कोई कदम नहीं उठाती है तो वे जेवीयूएनएल से चल रहे सभी प्लांटों को एक अगस्त से बंद कर देंगे. क्योंकि अप्रैल माह से ही बिजली की दरों में 38% की बढ़ोतरी हुई थी.

परिवार के भरण पोषण करने की समस्या
फैक्ट्री मालिकों को बिजली दर बढ़ने के कारण पिछले चार महीने से 25 से 30 लाख रुपए प्रति माह का नुकसान हो रहा था. जिसको लेकर फैक्ट्री मालिकों ने राज्य सरकार से कई बार अनुरोध की. लेकिन राज्य सरकार द्वारा केवल आश्वासन मिलता रहा उन्हें राहत नहीं दी गयी. मजबूर होकर रामगढ़ की आधा दर्जन स्टील आधारित फैक्ट्रियों पर ताला लटक गया है. फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. रामगढ़ जिले में लगभग एक प्लांट में 40 मजदूर परमानेंट और लगभग 40 मजदूर अस्थाई तौर पर काम करते हैं. अब इन मजदूरों के सामने रोजगार के साथ-साथ परिवार के भरण पोषण करने की भी समस्या हो गई है.

फैक्ट्री बंद होने से बेरोजगारी
मजदूरों की बात करें तो उनका कहना है कि फैक्ट्री बंद होने से वे पूरी तरह बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें अब रोजगार पाने के लिए झारखंड से बाहर पलायन करना पड़ेगा. क्योंकि कई दिनों से खोजबीन के बावजूद कोई रोजगार उन्हें रामगढ़ सहित कहीं नजर नहीं आ रहा है.

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'सरकार पूरे मामले में पहल कर समस्या का समाधान करे'
अगर फैक्ट्री मालिकों की बात करें तो उनका कहना है कि हो रहे भारी नुकसान के कारण मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है. क्योंकि दामोदर वैली निगम लिमिटेड और झारखंड राज्य विद्युत ऊर्जा निगम लिमिटेड बिजली दरों में 2.55 पैसे का डिफरेंस है. जिसके कारण हम लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था. जिसके कारण हम लोगों को प्लांट बंद करना पड़ा है. मालिकों का कहना है कि पिछले चार महीनों से काफी नुकसान उठाया है. राज्य सरकार पूरे मामले में पहल कर समस्या का समाधान करे तभी हमारा प्लांट शुरू हो सकता है.

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