पलामू:एक वक्त था जब पलामू में नक्सल बड़ी समस्या हुआ करती थी. लेकिन बीते एक दशक में शासन और प्रशासन ने नक्सलवाद पर कड़ी कार्रवाई की है. इसका नतीजा ये हुआ कि 2014 के बाद से जिले में नक्सल हत्या का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है. बावजूद इसके लोगों में हथियार रखने का चल बढ़ता जा रहा है.
आज पलामू का हर 200 वां व्यक्ति हथियार रखने का इच्छा रखता है. जिसके कारण पलामू के विभिन्न प्रशासनिक स्तर पर 10 हजार से अधिक आवेदन लंबित हैं. पलामू में वर्तमान में करीब 1840 लोगों के पास हथियारों के लाइसेंस हैं, जिसमे 29 ऐसे लोग हैं जिनके पास दो से अधिक हथियार है. 2013-14 में पलामू में 6 हजार 666 लोगों के पास हथियार के लाइसेंस थे. उस दौरान जारी हुए गाइडलाइन के कारण 4400 लोगों के हथियारों के लाइसेंस रद्द हुए थे. 2019 से अब तक पलामू में 27 लोगों को हथियारों के लाइसेंस जारी किए गए हैं.
सार्वजनिक जगहों पर हथियारों का प्रदर्शन
कई बार देखा गया है कि हथियारों के लाइसेंसधारी बाहुबली, हथियारों के साथ अपने फोटो सोशल मीडिया में फोटो अपलोड करते हैं. उनके परिवार के सदस्य भी इसमें शामिल रहते हैं. जबकि कई लाइसेंसधारी सार्वजनिक जगहों पर हथियार प्रदर्शित करते दिख जाते हैं. इस मामले में अब तक सिर्फ दो नेताओं पर कार्रवाई की जा चुकी है. एक का लाइसेंस भी निलंबित किया जा चुका है. जबकि एक अन्य का हथियार जमा कर लिया गया है. अधिवक्ता विक्रांत सिंह बताते है कि लाइसेंसी हथियार को खुद की सुरक्षा के लिए दिया जाता है, इसके दुरुपयोग पर गंभीर धाराओं में कार्रवाई हो सकती है.
लाइसेंस के लिए लगाना पड़ता है चक्कर