पलामू:एशिया के बड़े टाइगर प्रोजेक्ट में से एक पलामू टाइगर रिजर्व के तीन बाघ ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं. आखिरी बार इन्हें फरवरी 2019 में देखा गया था. उसके बाद से टाइगर रिजर्व प्रबंधन को बाघों की तस्वीर और पंजों के निशान नहीं मिले हैं. पीटीआर में बाघ मौजूद हैं या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है. अब नए सिरे से बाघों की तलाश शुरू हो रही है. पिछले साल फरवरी में शिकार कर रही एक बाघिन को जंगली भैंसों ने सींग घुसाकर मार दिया था. इसके बाद यहां तीन बाघ बचे थे.
टाइगर रिजर्व में लगाए जा रहे 350 कैमरे
पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की निगरानी के लिए 350 हाई क्वालिटी कैमरे लगाए जा रहे हैं. टाइगर रिजर्व के निदेशक वाईके दास बताते हैं कि पीटीआर में चार बाघों के होने के निशान मिले थे. एक की मौत के बाद किसी का पता नहीं चल पा रहा है. रिजर्व में तीन बाघ हैं लेकिन कर्मी उन्हें नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि नए सिरे से पीटीआर में कैमरे लगाए जाएंगे. लापरवाही बरतने वाले कर्मियो पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि हर सप्ताह अब ट्रैकर और कैमरे की समीक्षा होगी. सभी उप निदेशक और रेंज ऑफिसर को आदेश जारी किए गए हैं.
बाघों की खोज को लेकर उदासीन हैं कर्मचारी
पलामू टाइगर रिजर्व के कर्मी बाघों की खोज को लेकर उदासीन हैं. जानकारी के अनुसार कर्मी जानबूझ कर बाघों को नहीं खोजना चाहते. बाघों की मॉनिटरिंग और इसके बारे में पूरी जानकारी मुख्यालय को भेजनी पड़ेगी, इसलिए कर्मी बाघों को नहीं खोजना चाहते.