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पलामू टाइगर रिजर्व में मार्च 2020 के बाद से नहीं दिखे बाघ, जानिए अब चलता है किसका राज - Palamu Tiger Project

पलामू टाइगर रिजर्व (palamu tiger reserve) में जनवरी 2020 के बाद इलाके में तेंदुओं की मौजूदगी बढ़ी है. लगभग 50 वर्ष बाद पीटीआर (PTR) में बाघ गिनती के लिए भी नजर नहीं आ रहे हैं.

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पलामू टाइगर रिजर्व में मार्च 2020 के बाद से नहीं दिखे बाघ, अब इनका है राज

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Published : Jun 12, 2021, 11:59 AM IST

Updated : Jun 12, 2021, 5:06 PM IST

पलामू: जो इलाका कभी बाघों के लिए जाना जाता रहा, अब उस इलाके में अब तेंदुओं का कब्जा हो गया है. एशिया के बड़े टाइगर प्रोजेक्ट में से एक पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में जनवरी 2020 के बाद तेंदुओं की मौजूदगी बढ़ी है. पीटीआर (PTR) प्रबंधन के अनुसार डेढ़ साल में कई तेंदुओं की गतिविधियां सामने आई हैं, जबकि एक भी बाघ इस दौरान नहीं दिखा है. साल 1932 में पलामू टाइगर रिजर्व से ही पहली बार देश में बाघों की गिनती शुरू हुई थी. लगभग 50 साल बाद पीटीआर में बाघ गिनती के लिए भी नजर नहीं आ रहे.

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पलामू टाइगर रिजर्व 1026 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जबकि इसका कोर एरिया 226 वर्ग किलोमीटर में है. साल 1974 में देश में बाघों को संरक्षित करने के लिए एक साथ 9 इलाकों में टाइगर प्रोजेक्ट की योजना शुरू की गई थी. पलामू टाइगर रिजर्व उन 9 इलाकों में से एक है, जहां बाघों को संरक्षित (protected) करने का काम शुरू हुआ था. साल 1974 में पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के इलाके में 50 बाघ बताए गए थे. विभागीय अधिकारियों की मानें तो पीटीआर में 150 के करीब तेंदुआ (Leopard) की संख्या हो गई है. जिस इलाके में बाघ मौजूद होते हैं, उस इलाके में तेंदुए की मौजूदगी नहीं होती है. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक वाईके दास बताते हैं कि पीटीआर में बाघ (Tiger) और तेंदुओं के लिए आदर्श वातावरण है.

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भोजन ना मिलने पर आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच रहा तेंदुआ

पलामू टाइगर रिजर्व में लंबे वक्त से वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कार्य करने वाले प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव (Professor DS Srivastava) के मुताबिक पीटीआर में पहले से तेंदुए मौजूद हैं. जंगली इलाकों में भोजन नहीं मिलने से तेंदुए अब आबादी वाले इलाकों में जा रहे हैं. यही कारण है कि तेंदुओं की संख्या बढ़ी हुई नजर आ रही है. वो बताते हैं कि पीटीआर के इलाके में करीब 1.5 लाख मवेशी चरने के लिए जाते हैं, जिस कारण से वातावरण को नुकसान हुआ है. तेंदुए पेड़ों पर दिन गुजार देते हैं, रात में वो मवेशियों का शिकार कर रहे हैं.

पलामू टाइगर रिजर्व में अब तेंदुओं का है राज

पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या का रिकॉर्ड

साल 1974 की बात करें तो जब पलामू टाइगर प्रोजेक्ट (Palamu Tiger Project) शुरू हुआ था, तब यहां बाघों की संख्या 50 के करीब थी. साल 2005 में जब बाघों की गिनती हुई तो बाघों की संख्या घट कर 38 हो गई. साल 2007 में जब फिर से गिनती हुई, तो बताया कि पलामू टाइगर प्रोजेक्ट में 17 बाघ हैं. साल 2009 में वैज्ञानिक तरीके से बाघों की गिनती शुरू हुई तो बताया गया कि सिर्फ 8 बाघ बचे हुए हैं. उसके बाद से कोई भी नया बाघ रिजर्व एरिया में नहीं मिला. मार्च 2020 के बाद एक भी बाघ नजर नहीं आया है.

तेंदुओं के कब्जे के बाद नहीं दिखे बाघ
Last Updated : Jun 12, 2021, 5:06 PM IST

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