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पलामू: ग्रामीणों से मिले आरजेडी नेता राधाकृष्ण किशोर, लोगों के आंदोलन का किया समर्थन

पलामू में छतररपुर थाना क्षेत्र के बगैया गांव के लोग 2 साल से अवैध माइनिंग और ब्लास्टिंग के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. इसको लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से राजद नेता राधाकृष्ण किशोर मिले और उनके आंदोलन के समर्थन की बात कही.

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आरजेडी नेता राधाकृष्ण किशोर

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Published : Feb 19, 2021, 10:14 AM IST

पलामूः जिला में अवैध माइंस संचालकों के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन पिछले 2 साल से जारी है. छतरपुर थाना क्षेत्र के बगैया गांव में हो रही अवैध माइनिंग और ब्लास्टिंग का ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं. ब्लास्टिंग होने से गांव के लोग परेशान हैं. इतना ही नहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जबरन उनके खेतों में माइनिंग की जा रही है. पत्थर की खदान से ग्रामीणों की खेती बर्बाद हो रहे हैं तो धमाकों से हर समय दहशत का माहौल बना रहता है. मकानों में दरारें पड़ गई हैं. कई बार पुलिस-प्रशासन एवं अधिकारियों से भी यहां के ग्रामीणों ने मदद की मांग की लेकिन इनकी एक नहीं सुनी गई.

जानकारी देते राजद नेता राधाकृष्ण किशोर

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मां विंध्यवासिनी स्टोन माइंस के नाम से लीज भूमि पर कार्य रोकने को लेकर ग्रामीणों का लगातार प्रयासरत है. ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि वह किसी भी कीमत में गांव को बर्बाद कर देने वाले इस माइंस को संचालित नहीं होने देंगे. इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक ग्रामीणों ने लिखित आवेदन सौंप माइंस बंद कराने की गुहार लगाई है. मामले में अंचलाधिकारी राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि बगैया माइंस का स्थल निरीक्षण करने गया था लेकिन लीज किस प्रकार हुई है, इसकी जांच वरिय अधिकारियों के साथ की जा रही है.

आंदोलन का भरपूर समर्थन- पूर्व विधायक
अब लगातार विरोध के बाद राजनीतिक दलों व राजनेताओं का भी उन्हें समर्थन मिलने लगा है. राजद नेता और पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर बगैया गांव पहुंचे और लीज स्थल का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को उनके इस आंदोलन में भरपूर समर्थन देने की बात कही.

उपायुक्त और प्रदूषण नियंत्रण विभाग से मिलकर जांच की मांग करेंगे
पूर्व विधायक और राजद नेता राधाकृष्ण किशोर ने ग्रामीणों से गुजारिश करते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में कानून अपने हाथ में नहीं लेने और संयम के साथ इस आंदोलन को अंजाम देने तक पहुंचाने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि अगर खनन की स्वीकृति देने में कागजी रूप से कुछ गलती हुई है तो कानून व्यवस्था में ही उसको सुधारने का भी प्रावधान होता है. उन्होंने खुद ग्रामीणों के साथ उपायुक्त और प्रदूषण नियंत्रण विभाग से मिलकर इसकी निष्पक्ष जांच कराते हुए न्यायोचित करवाई करवाने का ग्रामीणों को आश्वाशन दिया है.

ग्रामीणों का कहना है कि खनन के लिए मुहैया कराई गई भूमि गांव के हरे-भरे लहलहाते खेतों के बीच है. अगर यहां खनन का कार्य शुरू होता है तो उनकी खेती और जलस्तर को काफी नुकसान पहुंचेगा. साथ ही वह बताते हैं कि माइंस के नजदीक लोगों के मकान हैं, अगर माइंस में ब्लास्टिंग होती है तो ब्लास्टिंग के दौरान उड़ने वाली डस्ट और पत्थर घरों पर गिरेगी, जिससे जान-माल का नुकसान होगा. माइंस के करीब 200 से 350 मीटर की दूरी पर विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र भी है, इससे बच्चों को भी खतरा है.

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ग्रामीणों को ये समस्याएं हो रही-

गांवों में फैल रहा प्रदूषण
बीच गांव के दो सौ मीटर पास ही है माइंस
बच्चों का और ग्रामीणों का स्वास्थ्य हो रहा खराब
माइंस होने से गांव में बढ़ सकता है बीमारों की संख्या
माइंस संचालकों को ग्रामीणों की नहीं हो रही स्वास्थ्य की चिंता
बीच गांव के चारों तरफ खुदाई, बरसात के दिनों में भरता है पानी, बच्चों को खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता
माइंस खदान के ब्लास्ट होने से मकानों की हालत खराब
माइंस के अगल-बगल लहलहा रहा फसलों का भी भारी नुकसान होने की संभावना
माइंस के चारों तरफ कोई बैरिकेडिंग नहीं, ग्रामीण लोगों की आवाजाही में खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता
बीच गांवों के पास है माइंस, शोर के कारण रात में सो नहीं सकते
माइंस संचालन और पथर ब्लास्टिंग से बच्चों का पठन-पाठन में भी प्रभावित
माइंस से नलकूपों में पानी का लेयर काफी हदतक नीचे

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