पलामू: पलामू टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाले वाली रेलवे लाइन डायवर्ट होगी. रेलवे सोननगर से पतरातू तक फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण करा रहा है. इसके तहत तीसरी लाइन बिछायी जानी थी. तीसरी लाइन बिछाने के लिए रेलवे ने वन मंत्रालय से अनुमति मांगी थी. मामले में वन मंत्रालय ने पलामू टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाली तीसरी लाइन के साथ-साथ पहले से मौजूद दो रेल लाइनों को भी डायवर्ट करने को कहा है. इसके अलावा पलामू टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाली डालटनगंज-महुआडांड़ रोड को भी डायवर्ट करने को कहा गया है. रेल लाइन को डायवर्ट को लेकर वन मंत्रालय और रेलवे के बीच सहमति बन गई है.
Rail Line Diverting In Palamu: पलामू टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली रेलवे लाइन और सड़क होगी डायवर्ट, रेलवे और वन मंत्रालय के बीच बनी सहमती
रेलवे और वन मंत्रालय के बीच बनी सहमति के बाद पीटीआर से गुजरने वाली रेलवे लाइन और सड़क को डायवर्ट किया जाएगा. इसके साथ ही मंत्रालय ने पहले से मौजूद अन्य दो रेलवे लाइन को भी डायवर्ट करने का निर्देश दिया है. इसके तहत डालटनगंज-महुआडांड़ रोड को भी डायवर्ट किया जाएगा.
थर्ड लाइन के साथ पहले से मौजूद दो रेल लाइनें भी होंगी डायवर्टःइस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेश जेना ने बताया कि थर्ड लाइन को डायवर्ट करने का निर्देश प्राप्त हुआ है. जबकि पहले से मौजूद दो लाइनों को भी डायवर्ट करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है. रेलवे द्वारा कुछ इलाकों में सर्वे का काम अधूरा था, जिसे पूरा किया जा रहा है. रेलवे ने पीटीआर के कोर एरिया से थर्ड लाइन ले जाने की योजना तैयार की थी. रेलवे का फ्रेट कॉरिडोर (थर्ड लाइन) का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत 11 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पीटीआर के कोर एरिया से हो कर गुजरनी थी. यह रेल लाइन छिपादोहर से हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन के बीच गुजरनी थी. अब थर्ड लाइन के साथ-साथ पहले से मौजूद दोनों लाइन को भी डायवर्ट किया जाएगा. इस संबंध में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव ने बताया कि तीनों रेल लाइन का डायवर्ट होना बड़ी बात है. डायवर्ट के निर्णय के बाद भी कई चुनौतियां खड़ी हो गईं हैं. यह इलाका चिकन नेक कहलाता है. यहां वाइल्ड लाइफ की समस्या कम है.
पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में 1964 में बिछाया गया था रेल लाइन:पलामू में सबसे पहले 1906 में रेलवे ने जमीन का अधिग्रहण किया था. जबकि 1964 में पहली रेल लाइन बिछाई गई थी. वहीं 1974-75 में दूसरी लाइन बिछाई गई थी. जबकि 2021 में तीसरी लाइन बिछाए जाने की योजना तैयार की गई थी. पलामू टाइगर रिजर्व का गठन 1973-74 में किया गया है. दरअसल, रेलवे विकास निगम ने फरवरी 2021 में ऑनलाइन आवेदन देकर थर्ड लाइन को पीटीआर से गुजरने के बाद एनओसी मांगा था. इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड की बैठक हुई थी. जिसमें रेलवे बोर्ड के आवेदन पर साफ तौर पर नॉट रिकमेंड लिख दिया गया है. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड में यह मामला चला गया था. कुछ दिनों पहले वन मंत्रालय और रेलवे ने संयुक्त रूप से फिर से सर्वे की सहमति जताई थी.
महत्वपूर्ण जानकारी:पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से थर्ड लाइन करीब 11 किलोमीटर गुजरनी है, पीटीआर प्रबंधन ने छिपादोहर रेलवे स्टेशन के पास से रेल लाइन को डायवर्ट करने का आग्रह किया है. यह दूरी करीब 14 किलोमीटर की होगी. दूसरा पूरे मामले में विवाद के निपटारे के लिए रेलवे विकास निगम पीटीआर प्रबंधन की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी. यह टीम रेल लाइन डायवर्ट करने को लेकर सर्वे करने वाली थी. टीम को 2021 में है अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन रेलवे विकास निगम के किसी भी अधिकारी ने इलाके का सर्वे नहीं किया.