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मॉब लिंचिंग रोकने वाले दो लोगों को पुलिस ने किया पुरस्कृत, जान से मार देना चाहते थे ग्रामीण

मॉब लिंचिंग की घटना को रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले दो लोगों को पलामू पुलिस ने सम्मानित किया. 11 जुलाई और 11 अगस्त को एक लड़की और बच्चा चोर के आरोप में ग्रामीण पकड़े गए युवक को मार डालना चाहते थे.

मुखिया पति को किया गया सम्मानित

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Published : Aug 23, 2019, 5:28 PM IST

पलामू: मॉब लिंचिंग की घटना को रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले दो मुखिया पति को पलामू पुलिस ने सम्मानित किया है. दोनों को पुलिस ने प्रशस्ति पत्र दिया है. 11 जुलाई को हैदरनगर थाना क्षेत्र के बरडीहा में एक लड़की के मामले में ग्रामीणों ने चार युवकों को पकड़ लिया था.

मुखिया पति को किया गया सम्मानित

मुखिया पति ने पुलिस को दी सूचना
ग्रामीण चारों को पीट-पीटकर मार डालना चाहते थे. मामले की जानकारी गांव के मुखिया पति नागेंद्र उपाध्याय ने पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घटना को रोका जा सका.

बच्चा चोर की अफवाह
बता दें कि 11 अगस्त को हैदरनगर थाना क्षेत्र के ही भदुमा गांव में अफवाह फैली थी की बच्चा चोर आया है. ग्रामीणों ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया और उसे मार डालना चाहते थे. गांव के मुखिया पति दयानंद मेहता ने पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद उस व्यक्ति की जान बचाई जा सकी.

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हर दिन की जाती है समीक्षा
पलामू रेंज के डीआईजी विपुल शुक्ला ने बताया कि मॉब लिंचिंग से निपटने में ग्रामीणों की भूमिका अहम है. ग्रामीण समय पर पुलिस को सूचना दे तो मॉब लिंचिंग से निपटा जा सकता है. डीआईजी ने बताया कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस हमेशा तैयार रहती है और हर दिन हर स्तर पर समीक्षा की जाती है.

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