पलामू: पलामू अति नक्सल प्रभावित जिला रहा है, लेकिन नक्सल संगठनों के साथ-साथ यहां कई आपराधिक गिरोह भी हैं. पलामू पुलिस ने अपराध और नक्सल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नई योजना तैयार की है. जिसके तहत पलामू में बीट पुलिसिंग की शुरुआत होने वाली है. इसके लिए जिला के 13 इलाकों का चयन किया गया है, जहां बीट पुलिसिंग की जाएगी.
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यह बीट पुलिसिंग पूरी तरह से ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ा हुआ होगा, एक-एक बीट में पुलिस अधिकारी और जवानों को तैनात किया जा रहा है. पुलिस अधिकारी और जवान जीपीएस सिस्टम से जुड़े हुए होंगे और इलाके में होने वाले किसी भी अपराधिक या छोटी-मोटी घटनाओं की जानकारी वरीय अधिकारियों को देंगे. बीट में तैनात पुलिस अधिकारी और जवान अपराधियों और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और इलाके में सुरक्षित माहौल तैयार करेंगे.
पलामू एसपी ने दी जानकारी: पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि बीट पुलिसिंग, पुरानी व्यवस्था रही है, जिसे फिर से शुरू किया जा रहा है. बीट सिस्टम को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से जोड़ा जा रहा है और शहर को विभिन्न हिस्सों में बांटा गया है. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि बीट सिस्टम में क्यूआर कोड लागू किया जा रहा है. संबंधित पुलिस अधिकारी या जवान इलाके में जाएंगे और क्यूआर कोड स्कैन करेंगे जिससे पता चल पाएगा कि इलाके में पुलिस की मौजूदगी है. वरीय अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग कर पाएंगे.
पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में शुरू की जा रही बीट पुलिसिंग: मेदिनीनगर पलामू प्रमंडल का मुख्यालय है, यह पूरा इलाका नगर निगम में कुछ वर्ष पहले अपग्रेड हुआ है. इलाके में पुलिसिंग को बेहतर करने के लिए चार टीओपी भी बनाए गए है. अब शहर को कई हिस्सों में बांटकर बीट पुलिसिंग की शुरुआत की जा रही है.
मेदिनीनगर में गैंगवार बड़ी चुनौती: मेदिनीनगर की आबादी करीब डेढ़ लाख है. डेढ़ लाख की आबादी के बीच 90 पुलिस अधिकारी और 200 से अधिक जवानों की तैनाती की गई है. बीट पुलिसिंग की मोनिटरिंग एएसपी ऋषभ गर्ग कर रहे हैं. पलामू प्रमंडल के मुख्यालय मेदिनीनगर में चोरी या संगठित आपराधिक गिरोहों के बीच गैंगवार को रोकना बड़ी चुनौती रही है. पिछले एक दशक में मेदनीनगर में ही गैंगवार में 50 से अधिक लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं. इस चुनौती का सामना अब बीट पुलिसिंग के जरिए किया जाएगा.