पलामू:कोरोना की दूसरी लहर थमने के साथ ही पलामू पुलिस(palamu police) ने नक्सली और अपराधी गिरोह(naxalites and criminals) को एक बार फिर से टारगेट पर लेना शुरू कर दिया है. पुलिस ने नई रणनीति के साथ नक्सली और आपराधिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की है. कार्रवाई का नेतृत्व खुद पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने अपने हाथों में लिया है. वे नक्सल अपराधी गिरोहों की सूची की समीक्षा कर एक-एक कर टारगेट करने की रणनीति तय कर रहे हैं.
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नक्सल संगठन के साथ आपराधिक गिरोह भी सक्रिय
पलामू में टीएसपीसी(TSPC) और जेजेएमपी (JJMP) जैसे प्रतिबंधित नक्सली संगठन(Banned Naxalite Organization) सक्रिय हैं. वहीं, अपराधिक संगठनों की बात कर रहे तो यहां कुख्यात डब्लू सिंह, विकास दुबे के अलावा अन्य ग्रुप भी सक्रिय हैं. पलामू पुलिस ने अपराधिक गिरोह के सदस्यों की सूची तैयार की है, जिसके आधार पर एक-एक कर सभी को टारगेट किया जा रहा है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा बताते हैं कि पदभार ग्रहण करने साथ ही उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ नक्सली संगठन और आपराधिक गिरोह यहां सक्रिय हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की जा रही है.
मदद के लिए 24 घंटे पुलिस तैयार, कभी भी लगा सकते हैं कॉलएसपी चंदन कुमार सिन्हा का कहना है कि पलामू पुलिस 24 घंटे सभी के मदद के लिए तैयार है. कोई भी कभी भी कॉल कर मदद की गुहार लगा सकता है. लोगों के सूचना देने के बाद पुलिस की तुरंत ही कार्रवाई शुरू होगी.
पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा इससे पहले पलामू पहुंचते ही एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने थाने में पुलिसकर्मी किस तरह काम कर रहे हैं इसकी जांच करने के लिए वे शिकायत लेकर सतबरवा थाने पहुंचे. एसपी को पुलिस अधिकारी और थाने के कर्मचारी नहीं पहचान पाए. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने थाना प्रभारी करमपाल नाग से कहा कि अपराधियों ने उनकी कनपट्टी पर पिस्टल तान कर उनसे मोबाइल और पांच हजार रुपए लूट लिए. एसपी की पूरी बात सुनने के बाद थाना प्रभारी ने मामले की जांच शुरू कर दी.
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पुलिसकर्मियों की जांच के लिए एसपी ने सुनाई थी कहानी
एसपी ने थाना प्रभारी को एक नंबर दिया और उसे ट्रेस करने को कहा. ट्रेस करने पर पता चला कि वह नंबर बिहार के जहानाबाद के किसी शख्स का है. इस दौरान थाना प्रभारी कर्मपाल नाग एसपी को पहचान चुके थे. पहचानने के बाद थाना प्रभारी ने एसपी को सैल्यूट किया. दरअसल ये कहानी पूरी तरह झूठ थी. दरअसल, एसपी यह देखना चाहते थे कि शिकायत को लेकर थाना प्रभारी कितने एक्टिव हैं. पदभार ग्रहण से पहले एसपी थाने की एक्टिविटी देखना चाहते थे.