पलामू: जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के पथरा में सामाजिक परिवर्तन के साथ बदलाव दिखने लगे हैं. यह बड़ा बदलाव और विकास की मिसाल है. ग्रामीणों का वैचारिक, सामाजिक और आर्थिक विकास होगा तो खुद सम्पन्न होंगे. स्वावलंबी गांव बने, जिसका अपना सहारा हो, यह बातें मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कही. पलामू के हुसैनाबाद प्रखंड के पथरा पंचायत भवन परिसर में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही.
मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी
मनरेगा आयुक्त ने ग्रामीणों की सराहना की
मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने ग्रामीणों के खुद से विकास किए जाने की सराहना की. इसके साथ ही उन्हें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण खुद ऐसे बने कि उन्हें वैसाखी की जरूरत नहीं हो. उन्होंने सेवा भाव से कार्य करने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि अध्यात्म की पहली सीढ़ी सेवा है. लोग ठान लें कि उन्हें सरकार की योजनाओं की कोई जरूरी नहीं है, तो खुद-ब-खुद विकास दिखने लगेगा.
पथरा राज्य का 36वां गांव नशा मुक्त घोषित
उन्होंने कहा कि पलामू का पथरा राज्य का 36वां गांव है, जो नशा मुक्त घोषित हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि पथरा के ग्रामीण साथ दें तो 3 साल के बाद इतना विकास देखने को मिलेगा कि वे अपने गांव को ही नहीं पहचान पाएंगे. उन्होंने एक स्वच्छ ग्राम सभा के लिए लोगों को प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि ग्रामसभा में महिला, पुरुष, बच्चे आदि सभी लोग भाग लें और अपने गांव की विकास गाथा खुद लिखें. उन्होंने एक दूसरे पर विश्वास रखने और विचारों में गांठ नहीं आने देने की सीख दी.
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तीन चीजों पर विशेष बल
मनरेगा आयुक्त ने मुख्य रूप से तीन चीजों पर विशेष बल देते हुए कहा कि ग्रामीण गांव में रहना शुरू करें. ग्रामसभा को अच्छा बनायें और उसके माध्यम से गांव को संगठित करें और लोक शिक्षण का कार्य करें. इससे गांव की प्रगति होगी और समस्याएं दूर होंगी. उन्होंने संस्कारयुक्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, देश और समाज के प्रति लोगों को जीने का जज्बा रखने पर बल दिया. उन्होंने पथरा के बच्चों की शिक्षा में बदलाव पर जोर देते हुए एक अच्छा शिक्षक देने की बातें कहीं, जो गांव में ही रहकर बच्चों को शिक्षा देंगे और उन्हें जगाने का कार्य करेंगे.
मनरेगा आयुक्त ने किया गांव का भ्रमण
मनरेगा आयुक्त ने पथरा गांव में भ्रमण कर वहां हुए बदलाव को देखा और लोगों के विचारों में हुए परिवर्तन की काफी सराहना की. उन्होंने कहा कि पथरा के ग्रामीण विकास की पहली सीढ़ी से कार्य करना प्रारंभ कर दिया है. यह अविश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि गांव में संस्कार का प्रवाह करें. संस्कार अच्छे होंगे, तो परिणाम भी अच्छे आएंगे. पथरा के ग्रामीणों ने श्रमदान के माध्यम से सफाई करने से लेकर सभी कार्य कर रहे हैं, यह उनके दायित्व के प्रति ईमानदार होना प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि जब तक शरीर में जान है, तबतक सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते रहें. बच्चों को भी ऐसा संस्कार दें कि वह जीवन में अच्छे चीजों को आत्मसात करें. उन्होंने कहा कि विकास के लिए पथरा के ग्रामीणों ने एक दूसरे पर भरोसा किया, इसी का परिणाम है कि यहां बदलाव दिख रहा है.
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दूसरे गांव के लिए प्रेरणा स्रोत है पथरा
पथरा के ग्रामीणों की जज्बा, उनके लगन और उनके अबतक किए गए प्रयास की सराहना करते हुए उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि पलामू जिला का पथरा गांव दूसरे गांव के लिए प्रेरणा स्रोत है. यहां के ग्रामीणों ने खुद इतनी मेहनत की है कि सरकार भी यहां के लिए कुछ और नया और अलग करने की सोच रही है. सरकार की सभी विकास योजनाएं यहां पहुंच रही हैं ताकि यह विकसित गांव बने.
सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहा गांव
हुसैनाबाद अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि पथरा गांव में सकारात्मक और नई सोच का संचार हुआ है. जिससे यह गांव आगे बढ़ रहा है. पूर्व की स्थिति और वर्तमान में परिवर्तन दिखा है. यह लोगों की बौद्धिक विकास का परिणाम है. इस गांव में कोई नि:स्वार्थ शिक्षा देने का काम कर रहा है तो कोई श्रमदान कर साफ-सफाई सहित अन्य विकासात्मक कार्य में अपनी भूमिका अदा कर रहा है. यहां के लोग सरकार पर निर्भर नहीं हैं. अपनी बौद्धिक विकास से क्षेत्र का भौतिक विकास करने में जुटे हैं.
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मनरेगा आयुक्त के बीजारोपण का दिख रहा परिणाम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हुसैनाबाद के बीडीओ जयबिरस लकड़ा ने कहा कि मनरेगा आयुक्त के बीजारोपण के बाद से पथरा गांव में बदलाव दिख रहा है. यहां के लोगों में जो सकारात्मक सोच पनपी है, इससे गांव का निरंतर विकास होगा.
पथरा के वर्तमान दृश्य देखकर हो रही सुखद अनुभूति
जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला ने कहा कि मनरेगा आयुक्त के मार्ग दर्शन के बाद सीएसओ मृत्युंजय जी दिन रात मेहनत कर पथरा के लोगों को राह दिखाया. यहां की वर्तमान दृश्य देखकर सुखद अनुभूति हो रही है. मनरेगा आयुक्त की सोच का परिणाम है कि पथरा में सामाजिक दिशा बदली है और यहां बदलाव नजर आ रहा है. उन्होंने पथरा के कांसेप्ट को अन्य गांव में ले जाने की बाते कही है. उन्होंने कहा कि पथरा के ग्रामीण बदलाव के वाहक हैं, गांव के विकास में सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं.
मनरेगा आयुक्त ने की दीदी बाड़ी योजना की शुरुआत
मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर और अन्य पदाधिकारियों ने पथरा गांव के दक्षिणी टोला में सुरेश राम की पत्नी कुंती देवी की खेत में दीदी बाड़ी योजना की भी शुरुआत की. इसके साथ ही बाड़ी में नींबू का पौधरोपण किया. मनरेगा आयुक्त ने कुंती देवी को बाड़ी का ठीक से घेराव करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि बाड़ी में लगे सब्जियों को मवेशी बर्बाद न करें, इसके लिए ठीक से घेराव करना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही यहां उगाये जा रहे सब्जियों को घर में इस्तेमाल करनै और ज्यादा मात्रा में होने पर उसे बाजारों में बेचकर आर्थिक मुनाफा कमाने की प्रेरणा दी. उन्होंने बाड़ी में बींस और साग लगाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इसे खाने से कुपोषण की समस्याएं दूर होगी. इसके अलावा पंचायत सचिवालय परिसर में भी पौधा लगाया और वहां स्थित मंदिर में मत्था टेककर गांव और राज्य की खुशहाली की कामना की.
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कार्यक्रम में शामिल लोग
कार्यक्रम में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी के साथ उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर, हुसैनाबाद के अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण, प्रखंड विकास पदाधिकारी जयबिरस लकड़ा, जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विमलेश शुक्ला, सीएसओ मृत्युंजय, डीआरपी के डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन आश्रिता तिर्की आदि उपस्थित थे.