झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

शिकंजे में माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता, बिहार के गया से हुई गिरफ्तारी - Mithilesh Mehta arrested from Bihar

टॉप माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता गिरफ्तार कर लिया गया है. बिहार के गया जिला से उसकी गिरफ्तारी हुई है. उसके फरार होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी करते हुए खोजबीन शुरू कर दी थी.

Maoist Commander Mithilesh Mehta absconding from Budha Pahad
Maoist Commander Mithilesh Mehta absconding from Budha Pahad

By

Published : Mar 4, 2022, 9:17 PM IST

Updated : Mar 4, 2022, 9:28 PM IST

पलामूः माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता गिरफ्तार हो गया है. बिहार के गया जिला से केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उसकी गिरफ्तारी की गयी है. इससे पहले झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद माओवादियों की सबसे सुरक्षित मांद बूढ़ापहाड़ से टॉप माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता उर्फ वनबिहारी फरार हो गया है. मिथलेश मेहता के फरार होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी करते हुए उसकी खोजबीन शुरू कर दी थी.

इसे भी पढ़ें- बूढ़ापहाड़ के बहेराटोली में स्थापित हुआ पिकेट, छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थापित होगा दो और कैंप

लोहरदगा और लातेहार सीमा पर सुरक्षा बलों के लगातार अभियान के दौरान ही मिथिलेश मेहता बूढ़ापहाड़ से निकलकर भाग गया. टॉप कमांडर सुधाकरण के तेलंगाना में आत्मसमर्पण के बाद माओवादियों ने मिथिलेश मेहता उर्फ वनबिहारी को ही बूढ़ापहाड़ का नया इंचार्ज बनाया था. लेकिन टॉप माओवादी कमांडर मिथिलेश मेहता बूढ़ापहाड़ से फरार हो गया. मिथिलेश मेहता मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद के इलाके का रहने वाला है. 2016-17 में झारखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. 2019-20 में जेल से निकलने के बाद एक बार फिर से वह माओवादियों के लिए सक्रिय हो गया था. जनवरी 2021 में माओवादियों ने उसे बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज बनाया था. उसके बाद से ही वह बूढ़ापहाड़ के इलाके में रह रहा था. करीब तीन महीने पहले बूढ़ापहाड़ पर वह गंभीर रूप से बीमार हो गया था, उस दौरान सुरक्षाबलों ने एक ग्रामीण डॉक्टर को भी पकड़ा था जो मिथिलेश मेहता का इलाज करने जा रहा था, उसके पास से ईसीजी मशीन बरामद हुआ था.


विमल के आत्मसमर्पण और बहेराटोली में पिकेट बनने से माओवादी खौफ में हैं. बूढ़ापहाड़ के सबसे सुरक्षित ठिकाने में से एक गढ़वा के बहेराटोली में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है. इसी दौरान बूढ़ापहाड़ का टॉप कमांडर में से एक विमल यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इन दोनों कारणों से माओवादी खौफ में है. विमल यादव बूढ़ापहाड़ के इलाके के लिए माओवादियों का रीढ़ था. एक करोड़ के इनामी माओवादी अरविंद की मौत के बाद विमल यादव ने ही बूढ़ापहाड़ की कमान को संभाल रखा था. मिथिलेश मेहता के बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज बनाए जाने के बाद विमल यादव को माओवादियों ने डिमोट कर दिया था. मिथिलेश मेहता ने विमल यादव का हथियार और बैग छीन लिया था. जिसके बाद विमल दस्ता छोड़कर भाग गया और आत्मसमर्पण कर दिया. 2013-14 में बूढ़ापहाड़ को माओवादियों ने यूनिफाइड कमांड बनाया है. इसी इलाके से झारखंड बिहार उत्तरी छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया कमिटी में माओवादियों की गतिविधि का संचालन किया जाता है. बूढ़ापहाड़ माओवादियों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना अब तक रहा है.

Last Updated : Mar 4, 2022, 9:28 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details