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पलामू में पकड़ी गई हथियारों की अवैध फैक्ट्री, हथियार और अन्य सामग्री बरामद

पलामू पुलिस ने अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने छापेमारी कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा मौके से तीन रायफल के साथ अर्धनिर्मित हथियार भी बरामद किए हैं.

Illegal arms factory caught
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Published : Jan 18, 2023, 12:06 PM IST

Updated : Jan 18, 2023, 2:33 PM IST

पलामू:नावाजयपुर थाना क्षेत्र के पुलिस ने हथियारों की अवैध फैक्ट्री पकड़ी है. पुलिस ने मौके से हथियार बनाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि भारी मात्रा में हथियार बनाने वाली सामग्री को भी जब्त किया गया है. मौके से तीन रायफल, तीन अर्धनिर्मित हथियार और कई तरह की सामग्री बरामद की गई है. हथियारों की यह फैक्ट्री नावाजयपुर के कसवाखाड़ में चल रही थी.

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पलामू पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. नक्सली और अपराधियों के लिए हथियार तैयार करने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई है. पुलिस ने हथियार बनाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि कई राइफल समेत भारी मात्रा में सामग्री को जब्त किया है. हथियार तैयार करने वाले फैक्ट्री के लोग एक हथियार तस्कर गिरोह से जुड़े हुए थे. गिरोह द्वारा आर्डर मिलने के बाद हथियार को तैयार कर बेचा जाता था. फैक्ट्री में देसी कट्टा, देसी रायफल, देसी दो नाली बंदूक समेत कई हथियारों को तैयार किया जाता था. तैयार हथियारों को पलामू समेत कई इलाकों में बेचा जाता था. दरसल पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि नावाजयपुर थाना क्षेत्र के कसवाखाड़ में एक हथियार की फैक्ट्री का संचालन हो रहा है.

इसी सूचना के आलोक में नावाजयपुर थाना प्रभारी संजय कुमार रजक के नेतृत्व में पुलिस टीम ने छापेमारी की. इस छापेमारी में पुलिस ने मौके से सूर्यदेव मिस्त्री, बिपिन बिहारी सिंह और उमेश सिंह को गिरफ्तार किया है. मौके से पुलिस ने तीन रायफल, तीन अर्धनिर्मित हथियार, हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री को जब्त किया है. गिरफ्तार सूर्यदेव मिस्त्री कसवाखाड़ जाबकी बिपिन बिहारी सिंह, उमेश सिंह कुसैनी की रहने वाले हैं. सूर्यदेव सिंह 1994 9- 5 में भी हथियार बनाने के आरोप में जेल गया था.

जेल से निकलने के बाद वह फिर से हथियार बनाने की फैक्ट्री चलाना शुरू कर दिया था. पूछताछ में उसने पुलिस को बताया है कि पिछले कुछ वर्षो से वह हथियार तैयार कर रहा था. हथियार के लिए उससे एक गिरोह संपर्क करता था, जिसे वह हथियार बनाकर बेचता था. हथियार खरीदने वाले गिरोह नक्सली और अपराधियों को हथियार सप्लाई करता था.हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री को स्थानीय बाजार से ही खरीदा जाता था. एक एक हथियार पांच से 12 हजार रुपये में बेचा जाता था. पूरे मामले में पुलिस बुधवार को दोपहर बाद बड़ा खुलासा करेगी. कुछ दिनों पहले भी पलामू पुलिस ने एक बड़ी हथियार के फैक्ट्री को पकड़ा था.

Last Updated : Jan 18, 2023, 2:33 PM IST

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