झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

औरंगा नदी पार कर आए थे 'काल भैरव' को मारने वाले, एक घंटे किया था संघर्ष, जानें पूरा माजरा

पलामू किले के पास सोमवार रात 8.30 बजे दो नर हाथियों ने कालभैरव नाम के हाथी को मार डाला था. एक घंटे के संघर्ष में दोनों हाथियों ने काल भैरव के शव को क्षत-विछत कर दिया था. पड़ताल में पता चला है कि ये हाथी पीटीआर के नहीं हैं, ये औरंगा नदी पार कर कहीं से आए थे.

elephants killed Kaal Bhairav ​​in Betla National Park area
औरंगा नदी पार कर आए थे 'काल भैरव' को मारने वाले

By

Published : Jan 19, 2021, 4:57 PM IST

पलामू: पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के बेतला नेशनल पार्क इलाके में पालतू हाथी काल भैरव को मारने वाले हाथियों की तलाश में पीटीआर की टीम जुटी है लेकिन अभी कोई खास सफलता नहीं मिली है. फिलहाल हमलावर हाथियों के संबंध में टीम को इतना ही पता है कि दोनों हाथी नर और दांत वाले थे. काल भैरव को मारने के बाद दोनों किस इलाके में भागे हैं, इसकी तलाश पलामू टाइगर रिजर्व कर रही है. दोनों के पीछे स्पेशल ट्रैकर लगाए गए हैं. आशंका जताई जा रही है कि काल भैरव पर हमला करने वाले हाथी पीटीआर के नहीं हैं और ये औरंगा नदी पार कर कहीं से आए हैं.

ये भी पढ़ें-चाईबासा: झुंड से बिछड़े जंगली हाथी ने गांव में मचाया उत्पात, घर को किया क्षतिग्रस्त

ये था मामला

दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व में मार्च 2018 में कर्नाटक से तीन हाथी लाए गए थे. इसमें एक नर काल भैरव, एक मादा और एक बच्चा था. तीनों को शुरुआत में कमलदह झील के पास रखा गया. बाद में तीनों को पलामू किले के पास लाया गया. इधर सोमवार रात करीब 8.30 बजे दो हाथियों ने काल भैरव पर हमला कर दिया. तीनों के बीच करीब एक घंटे तक संघर्ष चलता रहा. मामले की जानकारी पर वनकर्मी भी वहां पर पहुंचे और पटाखा जला कर काल भैरव को बचाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए. दोनों हमलावर हाथी काल भैरव के शव को 200 मीटर खींच ले गए. दोनों ने काल भैरव के शव को क्षत विक्षत भी कर दिया. इस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक कुमार आशीष ने बताया कि हाथी के शव का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद उसे दफन किया जाएगा. मृत हाथी का दांत निकाल कर सुरक्षित रखा जाएगा.


पीटीआर में 120 से अधिक हाथी

पलामू टाइगर रिजर्व में 120 से अधिक हाथी हैं. इधर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने हाथियों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी, उसके बाद से कर्नाटक से लाए गए तीनों हाथियो को जंगली इलाके में रखा गया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details