पलामू में नकली शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में डुप्लीकेट लिकर जब्त, बिहार भेजी जाती थी खेप
पलामू में नकली शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है (Duplicate liquor factory caught in Palamu). यहां से पुलिस ने भारी मात्रा में नकली शराब बरामद किए हैं. नकली शराब की खेप बिहार भेजी जाती थी. अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पलामू पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
पलामू:जिला में अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. कार्रवाई के दौरान पलामू में नकली शराब फैक्ट्री पकड़ी गई है (Duplicate liquor factory caught in Palamu). इस शराब की फैक्ट्री से उत्पाद विभाग की टीम ने भारी मात्रा में नकली शराब बरामद किया है. फैक्ट्री में तैयार की जाने वाली डुप्लीकेट शराब बिहार भेजी जाती थी. नकली शराब फैक्ट्री का संचालन करने के आरोप में उत्पाद विभाग ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
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मौके से उत्पाद विभाग की टीम ने 6000 बोतल नकली शराब जब्त की है. जिस पर विभिन्न ब्रांड के टैग लगे हुए हैं. दरअसल, पलामू उत्पाद विभाग (Excise Department Palamu) को सूचना मिली थी कि पलामू के नावाजयपुर थाना क्षेत्र के तितकीटांड़ में एक घर में नकली शराब फैक्ट्री का संचालन हो रहा है. इसी सूचना के आलोक में उत्पाद अधीक्षक विमला कुमारी और इंस्पेक्टर संजीव कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने छापेमारी की. इस छापेमारी के क्रम में नकली शराब की फैक्ट्री पकड़ी गई और मौके से सुनील प्रसाद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
उत्पाद विभाग की छापेमारी जारी: सुनील प्रसाद और उसका साथी मिलकर फैक्ट्री का संचालन करते थे. पलामू उत्पाद अधीक्षक विमला लकड़ा ने बताया कि मौके से भारी मात्रा में डुप्लीकेट शराब जब्त किया गया है. टीम ने नकली हॉल मार्का, रैपर, और बोतल भी बरामद किया है. फैक्ट्री का संचालन पिछले कुछ महीनों से हो रहा था. डुप्लीकेट शराब के मामले में विभाग गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ छापेमारी कर रही है. उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जब्त किए गए शराब के सैंपल की भी जांच की जाएगी.
बिहार भेजी जाती थी डुप्लीकेट शराब, ओडिशा से जुड़ रहा लिंक:तैयार डुप्लीकेट शराब बिहार के इलाके में भेजी जाती थी. नकली शराब के कारोबार का लिंक ओडिशा से जुड़ा हुआ है. शराब माफिया सस्ते ब्रांड की डुप्लीकेट शराब लाते थे और सुनील प्रसाद को देते थे. सुनील प्रसाद डुप्लीकेट शराब को महंगे ब्रांड के बोतलों में भरकर बिहार के इलाके में सप्लाई करता था.
ऐसे खपाया जाता था नकली शराब:सुनील प्रसाद ने उत्पाद विभाग के अधिकारियों को बताया है कि सप्ताह में वह दो बार इस खेप को बिहार भेजता था. विभाग के अधिकारियों को बताया है कि गिरोह में शामिल लड़के पहले इस बात की छानबीन करते थे कि रोड पर पुलिस चेकिंग चल रही है या नहीं. पुलिस चेकिंग नहीं होने की स्थिति में शराब के बिहार के औरंगाबाद पहुंचाया जाता था. प्रति बोतल 200 से 300 रुपये का फायदा होता.