पलामू:रामगढ़ थाना क्षेत्र के चोरहट का रहने वाला एक मजदूर दिसंबर 2018 को अपनी पत्नी और नाबालिग बेटे के साथ मुंबई गया था. लेकिन वहां पर उसका बेटा कहीं खो गया. जिसके बाद मुंबई से किसी तरह से ट्रेन से प. बंगाल के हावड़ा पहुंच गया. करीब छह वर्षों के बाद एक बार फिर से नाबालिग अपने माता और पिता से मिल पाया है. इसमें उसकी मदद की है पश्चिम बंगाल और झारखंड के बाल कल्याण समिति ने.
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जानकारी के अनुसार, माता पिता से बिछड़ने के बाद नाबालिग को बस इतनी जानकारी थी कि घर जाने के लिए नौ बजे ट्रेन मिलती है. इसलिए उसने उसी वक्त पर मुंबई से ट्रेन पकड़ ली लेकिन उस ट्रेन से वह झारखंड की जगह पश्चिम बंगाल पहुंच गया. हावड़ा में रेल पुलिस ने उसको रिकवर किया और सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया. करीब एक महीने पहले बंगाल के बाल कल्याण समिति ने पलामू सीडब्ल्यूसी को पत्र लिखा था और बच्चे के बारे में जानकारी दी.
पलामू सीडब्ल्यूसी ने बच्चे के घर पर जा कर पते का सत्यापन किया. पता सत्यापन के बाद पलामू सीडब्ल्यूसी की टीम बच्चे को प. बंगाल से लाई और माता पिता के हवाले की. बच्चे के लापता होने के बाद माता पिता ने भी खोजने की कोशिश की थी लेकिन बच्चा नहीं मिला. छह वर्षो के बच्चा माता-पिता से मिलकर बेहद खुश हुआ है. पलामू जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार और सीडब्ल्यूसी के धीरेंद्र किशोर ने बताया कि माता पिता की काउंसिलिंग के बाद बच्चे को परिजनों के हवाले कर दिया गया है.