पलामू:धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं में लिपटा पति-पत्नी के प्रेम का प्रतिक करवाचौथ को सभी सुहागन औरते शिद्दत के साथ मना रही हैं. लेकिन आज के इस बदलते समय के साथ अपने प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए सिर्फ औरतें ही नहीं पुरुष भी व्रत रख रहे हैं. अपने प्रेम के इजहार और पत्नियों के समर्पण को सलाम करते हुए पलामू जिले में नक्सली अभियान रोकथाम में तैनात जवानों ने भी करवाचौथ का व्रत रखा है.
पत्नियां तुड़वाएंगी जवानों का व्रत
करवाचौथ के दिन सुहागिन औरतें पति की लंबी आयु के लिए दिनभर व्रत रखती हैं और चांद निकलने के बाद पति के हाथों व्रत खोलती हैं. लेकिन जवानों की पत्नियां अपने पति के साथ इस दिन साथ रहने का सुख प्राप्त नहीं कर पाती. चांद को देखने के बाद वह अपने पति की तस्वीरों को देखकर या उनसे वीडियो कॉल करके व्रत तोड़ती हैं, लेकिन इस बार जवानों की ये पत्नियां टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने पति से केवल व्रत तोड़वाएंगी नहीं बल्कि उनका व्रत तोड़ेंगी भी.
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पत्नियों के समर्पण को सलाम कर रहे हैं जवान
जवानों का कहना है कि पत्नियों की त्याग, समर्पण और सहयोग के कारण ही वे अपनी ड्यूटी का सही से निर्वहन कर पाते हैं. अगर पत्नियों का सहयोग नहीं रहे तो देश की सेवा उनके लिए भी असंभव है. घर-परिवार से दूर रहकर, हर पल जान को खतरे में रखते हैं क्योंकि घर पर उनसे भी ज्यादा हिम्मती उनकी पत्नी उनके पीछे खड़ी होती हैं. हर साल वे उनकी लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं, लेकिन इस साल उन्होंने भी व्रत रखा है क्योंकि वह उन्हें बताना चाहते हैं कि उनका साथ उनके लिए क्या मायने रखता है.
खलता है उत्सव में परिवार के साथ नहीं रहना
सीआरपीएफ 134 बटालियन के कमांडेंट अरुण देव शर्मा कहते हैं कि वह सभी उत्सव पर अपने परिवार के साथ नहीं हो सकते हैं, क्योंकि उनके ऊपर देश की रक्षा की जिम्मेदारी है. ऐसे में अपने परिवार के साथ नहीं रहने का मलाल तो उन्हें है लेकिन इस बात की खुशी भी है कि वह अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं.
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5000 से अधिक जवान हैं तैनात
बता दें कि पलामू रेंज में फिलहाल नक्सल विरोधी अभियान में पांच हजार से अधिक जवान तैनात हैं. ये जवान पलामू , लातेहार और गढ़वा के कई दुरूह इलाके में तैनात होकर अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं.