पलामू: पलामू जिला के मोहम्मदगंज भीम बराज से निकली उत्तर कोयल मुख्य नहर के आरडी 60 और 64 के बीच लीकेज हो गया है. इस कारण नहर का पानी बंद कर दिया गया है. वहीं नहर का पानी बंद कर देने से बिहार और झारखंड की एक लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई प्रभावित हुई है. आरडी 60 हैदरनगर प्रखंड के सिमरसोत गांव के समीप है. ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार से ही लीकेज की वजह से नहर का पानी बंद कर दिया गया है. पानी बंद होने से झारखंड के पलामू ,बिहार के औरंगाबाद और गया जिला के किसानों की एक लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई प्रभावित हुई है और किसान परेशान हैं. बिहार के जल संसाधन विभाग औरंगाबाद के अभियंता रविवार की सुबह से मरम्मत कार्य में जुटे हैं. अभियंताओं ने फोटो लेने या कुछ बताने से इनकार किया है.
Jharkhand News: उत्तर कोयल मुख्य नहर में आई दरार, लीकेज की समस्या के बाद नहर का पानी किया गया बंद, बिहार-झारखंड में सिंचाई कार्य प्रभावित - विधायक कमलेश कुमार सिंह
उत्तर कोयल मुख्य नहर में दरार आने से लीकेज की समस्या उत्पन्न हो गई है. इस कारण नहर का पानी रोक दिया है. जिससे झारखंड और बिहार के किसानों को सिंचाई करने में परेशानी हो रही है. वहीं नहर के जीर्णोद्धार कार्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं.
जीर्णोद्धार कार्य के बाद भी लीकेज की समस्याःनहर में जिस जगह लीकेज हुआ है वहां पर वेबकॉस कंपनी के द्वारा 2021 में जीर्णोद्धार का कार्य किया गया था. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि लीकेज वाले स्थान पर घटिया ढलाई की गई थी. घटिया कार्य को लेकर स्थानीय विधायक कमलेश कुमार सिंह ने इस संबंध में मुख्य अभियंता समेत उच्चाधिकारियों को जांच कराने का आग्रह पत्र के माध्यम किया था. उन्होंने स्वयं नहर का निरीक्षण भी किया था. बाद में जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता के दल ने निर्माण कार्य की जांच कर मामले को रफा-दफा कर दिया. जांच के बाद निर्माण कंपनी ने कार्य के विरुद्ध बड़ी रकम निकाल ली. तब से आज तक जीर्णोद्धार कार्य बंद है.
पलामू, चतरा और औरंगाबाद सांसद ने मोहम्मदगंज का दौरा कियाः 15 अगस्त 2023 को पूर्व बिहार के औरंगाबाद, झारखंड के पलामू और चतरा सांसद ने भीम बराज मोहम्मदगंज का दौरा किया था. इस क्रम में उन्होंने नहर के जीर्णोद्धार कार्य की स्थिति की समीक्षा की थी. निर्माण कंपनी वेबकॉस के अभियंताओं को बरसात के बाद कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया था. सांसद वीडी राम, सुशील सिंह और सुनील सिंह ने निर्माण कंपनी वेबकॉस को केसीपीए की जगह किसी दूसरी कंपनी से कार्य कराने का निर्देश दिया था, लेकिन वेबकॉस के अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया था कि वही कंपनी गुणवत्ता के साथ कार्य करेगी. कंपनी कितना बेहतर कार्य करेगी, यह उसके पूर्व के कार्यों से ही स्पष्ट हो जाता है. जिस जगह कंपनी ने नहर में ढलाई की है, उसी जगह दरार आ गई है.