पलामू:अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से त्योहारी सीजन की शुरुआत होने वाली है. इस त्योहार के सीजन में भीड़ पर निगरानी रखना एक बड़ी चुनौती होती है. भीड़ का अपराधी और असामाजिक तत्व भी फायदा उठाने की जुगत में रहते हैं. सीसीटीवी कैमरा अपराध के नियंत्रण का बड़ा साधन बनकर उभरा है. ऐसे में इसके खराब होने से विधि व्यवस्था पर कितना असर पड़ेगा, ये तो समय ही बताएग.
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इन क्षेत्रों में लगाए गए थे सीसीटीवी कैमरे:सीसीटीवी को पुलिस की तीसरी आंख भी कहा जाता है. इन दिनों पलामू पुलिस की तीसरी आंख कमजोर हो गई है. कुछ वर्ष पहले पलामू के सर्किट हाउस परिसर में पुलिस कंट्रोल रूम बनाया गया था. इस कंट्रोल रूम में उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी को लगाया गया. कंट्रोल रूम के माध्यम से रेड़मा, बैरिया, कचहरी, छहमुहान समेत कई इलाकों में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था. इसके जरिए पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर पर निगरानी रखी जाती थी. यहां लगाए गए सीसीटीवी कैमरे खराब हो गए हैं. महीनों से ये शोभा की वस्तु बनी हुई है. अपराध या किसी तरह की घटना होने पर पुलिस आम लोगों के द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरे का इस्तेमाल करती है. पलामू के कारोबारी सुमित अग्रवाल ने बताया कि पुलिस का सीसीटीवी कैमरा खराब होना, बेहद ही दुखद है. मामले में प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को पहल करनी चाहिए.
सीसीटीवी लगाने को लेकर किया गया था सर्वे:त्योहार शुरू होने वाले हैं. ऐसे में इसे जल्द ठीक करने की जरूरत है. इधर मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में प्रशासन की तरफ से कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए सर्वे भी किया गया था. उस सर्वे के बाद आगे क्या हुआ किसी को जानकारी नहीं है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की गई है.