पलामूः लोकतंत्र का महापर्व सब जगह बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्र चक में भी फिजाएं बदली. लोगों ने बढ़चढ़कर मतदान में भाग लिया. बुलेट का जवाब बैलेट से दिया.
पलामू में नक्सलियों के गढ़ में धूमधाम से मना लोकतंत्र का महापर्व, लोगों ने बैलेट से दिया बुलेट का जवाब
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भी लोग जागरूक हो रहे हैं. पलामू के चक में लोगों ने बंपर वोटिंग कर लोकतंत्र को मजबूत बनाया.
यह तस्वीर है नक्सलियों के गढ़ चक की. यह तस्वीर बताती है कि पलामू कितनी तेजी से बदल रहा है. झारखंड की राजधानी रांची से करीब 250 किलोमीटर दूर चक में लोगों ने नक्सलियों के वोट बहिष्कार के फरमान को ताक पर रख कर बंपर वोटिंग की. चक में 73.47 प्रतिशत मतदान हुआ है. चक का मतदान प्रतिशत नक्सलियों के वोट बहिष्कार पर जबरदस्त चोट है.
चक झारखंड-बिहार सीमा से सटा हुआ है. यहां नक्सलियों के भय से पोलिंग पार्टी को हेलीकॉप्टर से भेजा जाता है. नक्सलियों ने 2010-11 में चक को एक वर्ष के लिए बंद कर दिया था।. लेकिन आज चक का माहौल बदल गया है. यहां सीआरपीएफ 124 बटालियन और पुलिस ने माहौल को बदल दिया है. 2014 में चक में 32 प्रतिशत ही वोटिंग हुई थी.
कई इलाकों में पहली बार हुई वोटिंग
पलामू के कई इलाकों में पहली बार मतदान केंद्र बनाया गया जहां. बंपर वोटिंग हुई. नक्सलियों के भय से कई मतदान केंद्रों को बदल दिया जाता था, लोगों को वोट देने के लिए 16 से 20 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था. पलामू के डगरा, रायबार, अंताकला, चेतमा, पथरा, केकरगढ़ जैसे इलाके में पहली बार मतदान केंद्र बनाया गया था. सभी जगह 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. पलामू एसपी इन्द्रजीत माहथा ने बताया कि यह सुखद एहसास है कि पलामू का माहौल बदल रहा है. पुलिस लोगों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवा रही, जिससे बदलाव हो रहा है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का सुरक्षाबलों पर विश्वास बढ़ा है.