पलामू:झारखंड के कई जिले पलायन की समस्या से जूझ रहे हैं. पलामू उनमे से एक है. यहां पलायन को रोकने के लिए कई स्तर पर पहल की जा रही है. प्रशासन मनरेगा जैसी योजना को मजबूत कर रही है. वहीं अन्य योजनाओं से भी लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए पहल की जा रहा है. पलामू जिला प्रशासन ने पलायन को रोकने और लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए कई इलाकों में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और दुकान बनाने का निर्णय लिया है. कॉम्प्लेक्स और दुकान पलामू जिला परिषद के माध्यम से बनाए जाने हैं.
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दुकान और कॉम्पलैक्स बनाने के लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है. पलामू के उपविकास आयुक्त रवि आनंद ने बताया कि कई मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स और दुकान बनाने के लिए कई इलाकों को जिला प्रशासन ने चिन्हित किया है. इसके अलावा कई पंचायत भवनों का भी जीर्णोद्धार किया जाना है. उप विकास आयुक्त रवि आनंद ने बताया कि इस तरह की योजनाओं से इलाके में लोगों को रोजगार मिलेगी साथ-साथ पलायन की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा.
जिला परिषद के माध्यम से 500 दुकानें बनाई जाएंगी, जबकि कई इलाकों में कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा. अप्रैल और मई महीने में सभी का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. जिला परिषद के माध्यम से हुसैनाबाद और हरिहरगंज में 50-50 दुकान बनाई जाएगी. वहीं, तरहसी, छतरपुर, विश्रामपुर, पांकी में मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा. छतरपुर, तारहसी, पांकी और विश्रामपुर का इलाका नक्सल प्रभावित रहा है. इलाके में मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स बनने से दर्जनों लोगों को रोजगार मिलेगा और इलाके में एक बड़ा बदलाव भी होगा.
कोविड-19 काल के बाद पलामू में बड़े पैमाने पर मजदूरों को चिन्हित किया गया है. पलामू में 53000 प्रवासी मजदूर चिन्हित किए गए हैं जो कोविड-19 काल में वापस लौटे थे. जिला प्रशासन मनरेगा समेत कई योजनाओं के माध्यम से मजदूरों और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाने के अलावा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल कर रही है.