पलामूःझारखंड-बिहार सीमा पर नक्सल अभियान में सीआरपीएफ की 07वीं बटालियन कमान संभालेगी. सीआरपीएफ की 07वीं बटालियन फिलहाल चाईबासा के सारंडा में तैनात है. पलामू में सीआरपीएफ की 134 बटालियन झारखंड-बिहार सीमा पर तैनात है, जिसे सारंडा में तैनात किया जा रहा है. अगले कुछ दिनों में 134 बटालियन पूरी तरह से सारंडा में शिफ्ट हो जाएगी.
झारखंड-बिहार सीमा पर सीआरपीएफ की 7वीं बटालियन संभालेगी कमान!, CRPF के जाने से ग्रामीणों ने शुरू किया विरोध
पलामू में तैनात सीआरपीएफ के जाने की खबर के बाद ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. ग्रामीणों के अनुसार सीआरपीएफ की मौजूदगी से पलामू में शांति व्यवस्था थी. सीआरपीएफ के जाने के बाद नक्सल गतिविधि बढ़ सकती है. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों के लिए झारखंड-बिहार सीमा पर सीआरपीएफ की 7वीं बटालियन कमान संभालेगी. 7th battalion of CRPF will take comman.
Published : Oct 4, 2023, 2:23 PM IST
कुछ ही दिनों के लिए सीआरपीएफ 07वीं बटालियन की पलामू में होगी तैनातीःसीआरपीएफ के एक टॉप अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि फिलहाल सीआरपीएफ की 07वीं बटालियन सारंडा में तैनात है. उसकी तैनाती मध्यप्रदेश के इलाके में होनी है, लेकिन जहां उसकी तैनाती होनी है, वहां आधारभूत संरचना विकसित नहीं हुआ है. इस कारण वहां उसकी तैनाती नहीं हुई है. कुछ दिनों के लिए सीआरपीएफ की 07वीं बटालियन पलामू में तैनात रहेगी. उसके बाद यह बटालियन भी चली जाएगी. दरअसल, सीआरपीएफ 134 बटालियन पलामू में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से तैनात है. सरकार के निर्णय के बाद सीआरपीएफ के 134 बटालियन को सारंडा के इलाके में तैनात किया जा रहा है.
सीआरपीएफ के जाने की खबर के बाद शुरू हुआ ग्रामीणों का विरोधः सीआरपीएफ 134 बटालियन के पलामू से जाने की खबर के बाद ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. झारखंड-बिहार सीमा पर डगरा के इलाके में ग्रामीणों की एक बड़ी बैठक हुई. जिसमें ग्रामीणों ने कई बिंदु पर निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक पत्र भी लिखा है और सीआरपीएफ को नहीं हटाने का आग्रह किया है. ग्रामीणों का कहना है कि सीआरपीएफ की मौजूदगी से इलाके में शांति व्यवस्था कायम थी.
सीएम से मुलाकात करेंगे ग्रामीणःडबरा के ग्रामीण सीएम के पलामू दौरे के दौरान उनसे मुलाकात भी करेंगे और अपनी बात को रखेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि सीआरपीएफ की तैनाती के बाद से इलाके में माओवादियों की गतिविधि कम हुई है. इलाके के ग्रामीण रणजीत सिंह, भोला यादव नारायण यादव का कहना है कि इलाके में सीआरपीएफ के रहने से काफी सुख-चैन था, लेकिन सीआरपीएफ के जाने के बाद काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.