पाकुड़: जिले में डेढ़ साल पहले बांसलोई नदी पर बना पुल बह गया था. इतने समय बीतने के बाद भी पुल का अब तक न तो निर्माण कराया गया और न ही घटिया निर्माण के लिए जिम्मेवार ठेकेदारों और संबंधित विभाग के अभियंताओं पर कोई कार्रवाई की गई है. इस मामले में सरकारी उदासीनता को लेकर स्थानीय लोग परेशान हैं और जल्द से जल्द पुल के पुनर्निमाण की मांग कर रहे हैं.
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5 करोड़ 98 लाख रुपए में बना था पुल
महेशपुर प्रखंड के बांसलोई नदी पर 2015 में ग्राम सेतु योजना के तहत 5 करोड़ 98 लाख रुपये की लागत से पुल का निर्माण कराया गया था. पुल बनने के 4 साल के भीतर ही 2019 में इसका फाउंडेशन बह गया. जिसके बाद इसके घटिया निर्माण का खुलासा हुआ. ग्रामीण विकास विभाग के कई वरीय अधिकारी इस पुल की जांच करने पहुंचे थे. तब दोषी ठेकेदारों ने विभाग को यह लिखित आश्वासन दिया था कि वे निजी खर्च पर पुल का पुनर्निमाण कराएंगे. लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी इसका निर्माण शुरू नहीं हुआ है. वहीं कुछ अभियंताओं ने ये स्वीकार किया कि कार्रवाई से बचने के लिए ठेकेदारों ने निजी खर्ज पर निर्माण का आश्वासन दिया था.