पाकुड़: केंद्र की मोदी सरकार भले ही अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं को तलाक जैसे कुप्रथा से मुक्ति दिलाने के लिए कानून बनाई है पर आज भी यह कुप्रथा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. अब तो महज डेढ़ लाख रुपए के लिए भी अल्पसंख्यक समाज की महिला को तलाक का शिकार होने को मजबूर होना पड़ रहा है.
थाने में मामला दर्ज
ऐसा ही एक पहला मामला झारखंड के सबसे पिछड़े जिले पाकुड़ के मालपहाड़ी आउटपोस्ट अंतर्गत पत्थरघट्टा गांव में तीन तलाक चर्चा का विषय बना हुआ है. पीड़िता ने अपने पति इब्राहिम शेख के खिलाफ थाने में शिकायत की है. मनीमाला बीबी को तलाक देने वाला पति इब्राहिम गिरफ्तारी के डर से फरार हो गया है. पीड़िता अपने डेढ़ साल के बच्चे के साथ मायके में किसी तरह जिंदगी बिता रही है.
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दहेज के लिए दबाव
तलाक के मामले में मनीमाला ने जो कहानी बयां की है वह न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि चिंताजनक भी है. तलाक की पीड़िता मनीमाला ने बताया कि तीन साल पहले उसका निकाह सदर प्रखंड के लखनपुर गांव के इब्राहिम शेख से हुआ था. शुरुआती दौर में वह खुशी खुशी अपने ससुराल में जीवन बिता रही थी. बेटे के जन्म के बाद से ही पति इब्राहिम दहेज के लिए दबाव देने लगा.