पाकुड़ :जिला में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के युवक- युवतियों के लिए दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना (Deendayal Upadhyay Kaushal Vikas Yojana) वरदान साबित हो रहा है. पहाड़ों और जंगलों में जीवन यापन करने वाले आर्थिक रुप से कमजोर ग्रामीणों के बच्चे हुनरमंद बनकर देश के कई शहरों में रोजगार (Kaushal Vikas Yojana in Pakur) कर रहे हैं और अपने भविष्य को संवार रहे हैं.
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आकांक्षी जिला पाकुड़ में समावेशी विकास के प्रयास को बल देने का काम दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र कर रहा है. इस केंद्र से एक हजार से अधिक युवक युवतियों ने प्रशिक्षण लिया. साथ ही महज 9 महिने के ही अंतराल में 150 से अधिक युवक युवतियों को रोजगार हासिल करने में भी मदद मिली है. ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने जनवरी 2022 में दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना की शुरूआत आकांक्षी जिला पाकुड़ में की.
गरीब ग्रामीण युवाओं में नौकरियों में नियमित रुप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे अधिक मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य इस योजना के तहत तय किया गया. इस योजना का मकसद गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग (18 से 35 वर्ष) के लोगों को रोजगार मुहैया करवाना है. योजना में शामिल युवक- युवतियां आज कम्प्यूटर पर ऑनलाइन काम करने, मोटर कार और बाइक के पार्टस की रिपेयरिंग करने के अलावा सिलाई कटाई का काम सीखकर खुद कमा रहे हैं. साथ ही अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रहे हैं.