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पाकुड़ के ग्रामीण युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना, संवार रहे अपना भविष्य

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Published : Dec 28, 2022, 2:27 PM IST

Updated : Dec 28, 2022, 2:39 PM IST

गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले युवक- युवतियों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार पाने में 'दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना' (Deendayal Upadhyay Kaushal Vikas Yojana) काफी मददगार साबित हो रही है. पाकुड़ में इस योजना के तहत अब तक 1200 युवाओं को प्रशिक्षित किया (Kaushal Vikas Yojana in Pakur) गया है. जो रोजगार पा कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं.

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कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण लेती महिलाएं

कौशल विकास में प्रशिक्षण लेते युवा

पाकुड़ :जिला में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के युवक- युवतियों के लिए दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना (Deendayal Upadhyay Kaushal Vikas Yojana) वरदान साबित हो रहा है. पहाड़ों और जंगलों में जीवन यापन करने वाले आर्थिक रुप से कमजोर ग्रामीणों के बच्चे हुनरमंद बनकर देश के कई शहरों में रोजगार (Kaushal Vikas Yojana in Pakur) कर रहे हैं और अपने भविष्य को संवार रहे हैं.

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आकांक्षी जिला पाकुड़ में समावेशी विकास के प्रयास को बल देने का काम दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र कर रहा है. इस केंद्र से एक हजार से अधिक युवक युवतियों ने प्रशिक्षण लिया. साथ ही महज 9 महिने के ही अंतराल में 150 से अधिक युवक युवतियों को रोजगार हासिल करने में भी मदद मिली है. ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने जनवरी 2022 में दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना की शुरूआत आकांक्षी जिला पाकुड़ में की.

गरीब ग्रामीण युवाओं में नौकरियों में नियमित रुप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे अधिक मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य इस योजना के तहत तय किया गया. इस योजना का मकसद गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग (18 से 35 वर्ष) के लोगों को रोजगार मुहैया करवाना है. योजना में शामिल युवक- युवतियां आज कम्प्यूटर पर ऑनलाइन काम करने, मोटर कार और बाइक के पार्टस की रिपेयरिंग करने के अलावा सिलाई कटाई का काम सीखकर खुद कमा रहे हैं. साथ ही अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रहे हैं.

दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना गरीब ग्रामीण युवाओं की खुशहाली के साथ- साथ उनके आर्थिक और सामाजिक बदलाव का बेहतर जरीया साबित हुआ है. भारत सरकार की इस योजना के तहत अबतक 1200 युवक युवतियों को प्रशिक्षण देने का काम प्रशिक्षण केंद्र के जरिये किया गया. साथ ही 150 से अधिक युवक युवतियां बैंगलोर, तमिलनाडु, कोलकाता आदि राज्यों के बड़े-बड़े कंपनियों में रोजगार में है. जिला में संचालित दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र की देख-रेख कर रही संस्था निष्ठा की वंदना कुमारी ने बताया कि 90 दिनों प्रशिक्षण में हुनरमंद हुए युवक युवतियों का प्लेसमेंट भी हुआ है. जिसका नतीजा यह निकल रहा है कि पाकुड़ जिला के साथ साथ निकटवर्ती दुमका, साहेबगंज और गोड्डा जिले के भी बीपीएल परिवार के युवक युवती प्रशिक्षण लेने आ रहे है.

बहरहाल आर्थिक रूप से कमजोर सुदुरवर्ती गांवों, जंगलों और पहाड़ों पर निवास करने वाले वैसे ग्रामीण जिनके बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बजाय बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं और मजदूरी व खेतीबाड़ी में अपने परिवार का हाथ बटाते लगते थे. उन्ही में शामिल युवक युवतियां आज प्रधानमंत्री के कौशल भारत कुशल भारत के सपने को साकार करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण लेकर रोजगार प्राप्त करने में कामयाबी हासिल कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 28, 2022, 2:39 PM IST

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