पाकुड़: झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का एक साल पूरा होने पर जिले के लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी हैं. कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण सरकार विकास का कार्य नहीं कर पाई. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सरकार रोजगार देने में विफल रही.
इसे भी पढ़ें-कोरोना वैक्सीन: जनवरी के अंतिम सप्ताह में होगा टीकाकरण, पहले चरण में 4,453 को लगेगा टीका
धरातल पर कुछ नहीं
सरकार का एक साल पूरा होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए व्यवसायी राजकिशोर उपाध्याय ने कहा कि सरकार ने चुनाव के पूर्व और सरकार के गठन के बाद राज्य के लोगों से बहुत वादे किए थे. एक साल पूरा होने के बाद धरातल पर कुछ नहीं दिख रहा है. मजदूर कालिया प्रसाद ने कहा कि इस सरकार से बहुत उम्मीद थी, लेकिन मजदूरों के लिए कोई खास पहल नहीं की गई.
मूर्तिकार चांदू घोष ने बताया कि सरकार ने सिर्फ घोषणाएं की हैं, लेकिन उसे अब तक पूरा नहीं कर पाई. पेंटर गिरिधारी दास ने बताया कि झारखंड ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार भी रोजगार देने में विफल रही. उन्होंने कहा कि पढ़े लिखे बेरोजगार को पहले केंद्र सरकार से उम्मीद थी कि अब रोजगार मिलेगा, लेकिन लोग और ज्यादा बेरोजगार हो गए, इसके बाद झारखंड में सरकार बदली और हेमंत सरकार ने भी शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया, लेकिन निराशा ही हाथ लगी.
वहीं एथलेटिक्स संघ के रणवीर सिंह का कहना है कि झारखंड में हेमंत सरकार से काफी उम्मीद थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण सरकार काम नहीं कर पाई, अभी सरकार के पास समय है और वे विकास कार्य कर सकते हैं.