पाकुड़ : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बाल कृष्ण तिवारी की अदालत ने बुधवार को दहेज हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए दोषी पाए जाने पर मृतक महिला के पति, सास और ससुर को आजीवन कारावास की सजा (PDJ Court Pakur Sentenced Life Imprisonment) सुनाई है. साथ ही अदालत ने दोषियों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
पाकुड़ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसला, दहेज हत्या मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा
पाकुड़ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए एक ही परिवार के तीन सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा (PDJ Court Pakur Sentenced Life Imprisonment) सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे ससुराल पक्ष के लोगः मामले में लोक अभियोजक महेंद्र दास और अधिवक्ता दीनानाथ गोश्वामी ने बताया कि जिले के हिरणपुर थाना क्षेत्र के धोवाडांगा निवासी मनोज साहा ने सीता साहा से 19 जनवरी 2018 को प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद से पति मनोज साहा, ससुर दिलीप साहा, सास दुलारी देवी और रिश्तेदार फुलेश्वर साहा और महेश साहा लड़की से दहेज के रूप में एक लाख रुपए नगद और मोटरसाइकिल की मांग करने लगे. उन्होंने बताया कि सीता देवी के पिता ने कुछ नगद राशि बेटी के ससुरालवालों को दी थी, लेकिन इतने में सुसुराल पक्ष के लोग संतुष्ट नहीं थे. ससुराल पक्ष के लोग दहेज के लिए उसकी पुत्री को प्रताड़ित करने लगे.
हत्या कर फंदे से लटका दिया था सीता साहा कोः अधिवक्ता ने बताया कि सीता ने मामले की शिकायत थाने में कई तो उसके ससुरालवालों ने समझौता कर लिया और सीता को अपना घर ले गए. बाद में उसकी हत्या कर आत्महत्या दर्शाने के लिए उसे फंदे में लटका (Dowry Murder Case In Pakur) दिया. घटना की जानकारी मिलते ही मृतका के पिता डिजल साहा ने हिरणपुर थाने में अपना प्राथमिकी दर्ज करायी. हिरणपुर थाने की पुलिस ने कांड संख्या 20/19 और भादवी की धारा 302/34 के तहत मनोज साहा, दिलीप साहा, दुलारी देवी, फुलेश्वर साहा और महेश साहा को नामजद अभियुक्त बनाया. जिस पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जेएन उपाध्याय ने पैरवी की.