पाकुड़: जिले में मतदाताओं की मतदान में शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बच्चों की मदद ली जा रही है. बच्चे लगातार मतदाता जागरूकता अभियान से लोगों को जागरूक कर रहे है. लेकिन शासन प्रशासन इन्हें नियमित स्कूल की चौखट तक पहुंचाने में सफल साबित नहीं हो पाया.
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लोकसभा चुनाव का प्रचार प्रसार और प्रशासनिक तैयारी जोरों पर है. इन तैयारियों में जिले के स्कूली बच्चे भी प्रशासन को भरपूर मदद कर रहे हैं. ताकि गांव और शहर क्षेत्र में रहने वाले लोग स्कूली बच्चों के अभिभावक बूथों पर जाकर शत प्रतिशत मतदान कर सके. प्रशासन के निर्देश पर स्कूली बच्चे जागरूकता रैली और खेलकूद प्रतियोगिता के माध्यम से इन दिनों मतदाता जागरूकता अभियान का एक हिस्सा बने हुए हैं.
आज भी ऐसे सरकारी स्कूल है जहां शत-प्रतिशत नामांकित बच्चे पढ़ने नहीं जा रहे हैं. सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार, ड्राप आउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने, मध्यान भोजन का संचालन, शैक्षणिक स्तर को सुधार के लिए बेसलाइन सर्वे के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.
शिक्षक जहां बच्चों की अनुपस्थिति के लिए सरकार के कार्यों में उन्हें शामिल करने की नीति को दोषी करार दे रहे है. वहीं, गांव के बच्चों के अभिभावक सरकार की नीतियों को. अधिकांश ग्रामीण इलाकों में संचालित स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति का 50% भी नहीं कर पा रहा है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी देवी ने कहा कि शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि बच्चों की उपस्थिति के लिए बच्चों के अभिभावक के साथ बैठक करें. उन्होंने बताया कि ऐसे भी अभिभावक हैं जो बैठक में हिस्सा लेने नहीं आते हैं. ऐसे में उन्हें समझाने की आवश्यकता है.