पाकुड़:खिलौने, खासकर रंग-बिरंगे टेडी देश और दुनिया में तमाम चेहरों पर मुस्कान लाते हैं. साथ ही घरों की खूबसूरती भी बढ़ाते हैं. लेकिन खिलौने के बाजार में प्रतिद्वंद्वी देश चीन का राज है, पर अब पाकुड़ के टेडी बियर चीन को टक्कर देते नजर आएंगे. साथ ही देश भर में बच्चों का साथी बनेंगे. यह संभव हो रहा है आरसेटी के प्रयासों से, जो 18 साल से 45 साल की आयु की गरीबी रेखा से नीचे की लड़कियों-महिलाओं को टेडी बियर और खिलौने बनाने का प्रशिक्षण दे रहा है. साथ ही समूह बनवाकर स्व रोजगार शुरू कराने में मदद कर रहा है. समूह की सदस्य अपने हाथों के हुनर से खूबसूरत टेडी बना रही हैं, जिसका स्थानीय बाजार में काफी मांग है.
ये भी पढ़ें-अनोखे अंदाज में सब्जी बेचते हैं धनबाद के पांडेजी, गाने में ही सब्जी और रेट का जिक्र
बता दें कि सरकार ने लोगों को आजीविका मुहैया कराने ने लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का संचालन कर रही है. इसी की मदद से एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) गांव की महिलाओं को खिलौना बनाने का प्रशिक्षण दे रहा है. प्रशिक्षण पूरी करने के बाद इन गांव की महिलाओं को बैंक से जोड़कर ऋण मुहैया कराया जाएगा. प्रशिक्षण मिलने के बाद गांव की सभी महिलाएं अपने अपने घरों में ही खिलौना बनाएंगी और बाजारों में बेचकर उत्पादन करेंगी, जो धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी बेची जा सकेंगी.
13 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा
आरसेटी के निदेशक फुलजेन्स तिग्गा का कहना है कि संस्थान कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है. फिलहाल 13 दिन के लिए टेडी बियर बनाने का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके साथ ही स्वरोजगार के लिए इन्हें लोन दिलाने का भी काम किया जाता है. इसके अलाव प्रशिक्षण लेने वाले लोगों का 2 साल तक फॉलोअप किया जाता है और समस्याओं के समाधान के लिए मदद की जाती है. अच्छा काम करने वाली महिलाओं को ट्रेनर भी बनाया जाता है. इससे भी उनकी आमदनी होती है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले की दर्जनों महिलाओं को खिलौना बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.