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पाकुड़ के लिए अब शहर में ही तैयार होंगे बेकरी उत्पाद, प. बंगाल पर खत्म होगी निर्भरता - पाकुड़ में महिलाएं सीख रही बेकरी

पाकुड़ के लोगों को अब जल्द ही शहर में ही तैयार बेकरी उत्पाद का आनंद लेने का मौका मिलेगा. इससे प. बंगाल पर निर्भरता कम होगी. इससे उन्हें ताजी सामग्री मिल सकेगी. यह संभव हुआ है राष्ट्रीय आजीविका मिशन से. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Women becoming self-reliant from bakery business in Pakur
पाकुड़ में महिलाएं सीख रही बेकरी

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Published : Sep 11, 2021, 11:54 AM IST

Updated : Sep 11, 2021, 2:07 PM IST

पाकुड़:चूल्हा-चौका करने वाली महिलाएं अब अपने हुनर के दम पर न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रहीं हैं बल्कि दूसरी महिलाओं को भी सशक्त कर रहीं हैं. इस कड़ी में अब कुछ और नाम जुड़ने वाले हैं. सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत पाकुड़ की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बेकरी उत्पादों को तैयार करने का प्रशिक्षण लिया है. अब ये बेकरी यूनिट लगाकर लोकल फॉर वोकल के सपने को साकार करने की कोशिश में जुटी हैं. इससे पाकुड़ के लोगों के लिए शहर में ही बेकरी उत्पाद तैयार हो सकेगा. अभी अधिकतर प. बंगाल से बेकरी उत्पाद यहां लाकर बेचे जाते हैं.

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दूसरी महिलाओं को भी देंगी रोजगार

पाकुड़ जिले के गंधाईपुर, हीरानंदपुर, सोनाजोड़ी और बलियाडांगा की स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं सखी दीदी बेकरी उत्पादन यूनिट के जरिये बिस्किट, गोंद के लड्डू और चॉकलेट का कारोबार करने की तैयारी कर रहीं हैं. इससे इनकी आर्थिक स्थिति तो सुधरेगी ही, दूसरी ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सुधार लाने की प्रक्रिया शुरू होगी. जिला प्रशासन की पहल से सखी मंडल से जुड़ी कई ग्रामीण महिलाओं ने बेकरी उत्पाद का प्रशिक्षण लिया है. प्रशिक्षण के बाद सखी दीदियां अपनी-अपनी पंचायतों में बेकरी उत्पादन यूनिट खोलकर न केवल बिस्किट, चॉकलेट और गोंद का लड्डू तैयार करेंगी बल्कि आसपास के बाजारों, दुकानों और होटलों में गुणवत्तापूर्ण सामग्री पहुंचाएंगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ग्रामीण विकास विभाग झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के जरिये आर्थिक रूप से कमजोर गांव की महिलाओं को समूह से जोड़कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में काम कर रहा है. सखी दीदियों को पहले मुर्गी, बत्तख पालन के अलावा कई तरह की योजनाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक समृद्धि प्रदान करने के साथ ही उनके सामाजिक जीवन स्तर में बदलाव लाने का काम पहले से चल रहा है.

महिलाओं द्वारा तैयार किया गया बिस्कुट और गोंद के लड्डू.

महिलाओं को बेकरी से जोड़ने के लिए डीसी ने की पहल

पाकुड़ जिला मुख्यालय के अलावा ग्रामीण इलाकों में बेकरी कारोबार बड़े पैमाने पर संचालित है. पश्चिम बंगाल से बेकरी उत्पाद लाकर कारोबारी ग्रामीण इलाकों और शहरी क्षेत्र के दुकानों में जाकर पहुंचाते हैं. जब बेकरी कारोबार के बारे में डीसी वरुण रंजन को जानकारी मिली तो उन्होंने जेएसएलपीएस को सखी मंडलों से जुड़ी महिलाओं को इस कारोबार से जोड़ने का निर्देश दिया. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी ने रांची के नगड़ी से बेकरी कारोबार करने वाले तीन प्रशिक्षकों को पाकुड़ बुलाया और सोनाजोड़ी, गंधाईपुर, हीरानन्दपुर और बलियाडांगा के समूह से जुड़ी महिलाओं को बेकरी उत्पादन का तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया. कम समय में ही पाकुड़ जिले के ग्रामीण इलाकों की दीदियों ने चॉकलेट, बिस्किट के अलावा कई प्रकार के फ्लेवर के साथ ही गोंद का लड्डू बनाने का नुस्खा सीख लिया.

महिलाओं को चॉकलेट बनाने की भी ट्रेनिंग दी गई है.

महिलाओं को आत्मिर्भर बनाने का लक्ष्य

डीसी वरुण रंजन ने बताया कि पाकुड़ जिले में बेकरी का डिमांड है और लोग इसका अधिक सेवन भी करते हैं. उन्होंने कहा कि बेकरी उत्पादन की शुरुआत करने का मकसद महिलाओं को रोजगार मुहैया कराते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. उन्होंने कहा कि सखी दीदियों के लिए बेकरी यूनिट इस्टैब्लिश कर उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा. डीसी ने कहा कि जिले के 128 पंचायतों में सखी दीदियों द्वारा उत्पादित बेकरी के बिक्री की व्यवस्था के साथ-साथ उन्हें उपयोग में आने वाले उपक्रम भी जिला प्रशासन मुहैया कराएगा.

Last Updated : Sep 11, 2021, 2:07 PM IST

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