पाकुड़:जिले के पहाड़िया समाज के लोग लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रशासन के समक्ष प्रर्दशन कर रहे हैं. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा (Hill Assembly Paharia Mahasabha) के महासचिव शिवचरण मालतो ने बताया कि 1932 खतियान आधारित नियोजन एवं स्थानीय नीति बनाने, अनुसूचित क्षेत्रों में पेशा कानून सख्ती से लागू करने, पहाड़िया भाषा को राजभाषा में शामिल करने सहित अन्य कई मांग को लेकर संथाल परगना के पहाड़िया समाज के लोग लगातार आंदोलन कर रहे है, लेकिन प्रशासन मौन है.
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उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो आगे जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा. शिवचरण मालतो ने कहा कि राज्य का गठन आदिवासी मूलवासी के उत्थान के नाम पर किया गया था, परंतु राज्य गठन के 22 साल बीत जाने के बाद भी अब तक राज्य की सरकार आदिवासी मूलवासीयों की स्थिति में सुधार नहीं ला पाई है. राज्य की सरकार ने यहां के खनिज संपदा को लूटने और लुटाने का काम किया है.
पहाड़िया नेता शिवचरण मालतो (Paharia leader Shivcharan Malto) ने कहा कि हम पहाड़िया समाज के लोग तबतक आंदोलन करते रहेंगे जबतक मांगें पूरी नहीं हो जाती. सरकार की मनमानियों को पहाड़िया समाज के लोगों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा के प्रदर्शन में पाकुड़ जिले के अलावा साहेबगंज, गोड्डा, दुमका आदि जिलों के भी पहाड़िया समाज के लोगों ने भाग लिया.