पाकुड़:पूरे देश में कोरोना वायरस को हराने को लेकर मुहिम चल रही है. इसी को लेकर सरकार ने लॉकडाउन 4 लागू किया है. इस लॉकडाउन में कई तरह की छूट भी दी गयी है और इसी में से एक छूट है प्रवासी मजदूरों के घर वापसी की.
शासन और प्रशासन पूरी जी जान से अपने राज्य से दूसरे राज्य और दूसरे राज्यों से अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों को लाने और भिजवाने का काम कर रहा है. दावा तो यह भी है कि एक भी मजदूर को अपने पैसे से घर वापसी नहीं करनी होगी. इसके लिए विशेष ट्रेन के अलावे बस आदि का भी सहारा लिया जा रहा है. सरकार के आदेश से सड़क और रेलमार्ग से प्रवासी मजदूरों को घर वापसी कराने के पीछे एक मकसद यह भी है कि इन मजदूरों की प्रॉपर स्वास्थ्य जांच हो सके.
जिस तरह से प्रवासी मजदूरों का दूसरे राज्यों के रेड जोन से खासकर पाकुड़ जिले में आना हो रहा है. वैसे में सरकारी व्यवस्था और उसके दावे की पोल खुल रही है. बल्कि लोगों के मन में यह भी घर कर रहा है कि यदि यही हाल रहा तो कोरोना को हराने और भगाने की जंग कहीं कुंद न हो जाए. कुछ ग्रामीण इलाकों में प्रवासी मजदूरों को बिना थर्मल स्कैनिंग और अन्य जांच कराएं गांव में घुसने की इजाजत नहीं दे रहे हैं, लेकिन अधिकांश प्रवासी मजदूर आज भी बेहिचक पैदल ही पाकुड़ जिले के मुख्य सड़क से गोड्डा, पश्चिम बंगाल के कई जिलों में जा रहे हैं.