पाकुड़: जिले में एक ऐसा भी आंगनबाड़ी केंद्र जहां वर्षो से ताला लटका हुआ है. सदर प्रखंड के बाहिरग्राम गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में न तो सेविका है और न ही यहां सहायिका पहुंचती है. जिस कारण आंगनबाड़ी केंद्र भवन के चारों ओर झाड़ियां निकल आई हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अर्पणा मिश्रा बीच-बीच में एक झोला लेकर गांव पहुंचती है और गांव में घूम रहे बच्चों को कभी एक अंडा तो कभी सत्तू बांटकर चली जाती हैं. ग्रामीणों के मुताबिक आंगनबाड़ी नहीं खोलने की शिकायत कई बार की गई. बावजूद विभागीय अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया.
पढ़ाई पर पड़ रहा असर
ग्रामीणों का कहना है कि सेविका जब भी गांव पहुंचती हैं तो उसे केंद्र खोलने के लिए कहा जाता है, लेकिन सेविका कभी समय पर केंद्र नहीं पहुंचती हैं. जिसके कारण आंगनबाड़ी खंडहर होता जा रहा है. इसके कारण गांव के बच्चों की सही ढ़ंग से पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है और न ही उन्हें पौष्टिक आहार मिल पाता है.