लोहरदगाःलॉकडाउन के दौरान भूख की जरूरत को समझते हुए सरकार ने गरीब और जरूरतमंदों के लिए दीदी किचन की शुरुआत की है. दीदी किचन के माध्यम से लोहरदगा जिले में कुल 127 केंद्र से 4 अप्रैल से 6 मई तक 1 लाख 35 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि दीदी किचन में भोजन के लिए लाइन लगने वाले लोगों में से ज्यादातर बच्चे होते हैं, लेकिन इस दौरान मासूमों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जिंदगी के नियम तोड़े जा रहे हैं.
सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि 65 वर्ष से ऊपर के वृद्ध और 10 वर्ष से नीचे आयु वर्ग के बच्चों को किसी भी स्थिति में घर से बाहर नहीं निकलना है. इसके बावजूद छोटे बच्चों को लाइन में लगाया जा रहा है.
अभिभावक हैं उदासीन, बच्चों को लगाते हैं लाइन में
मुख्यमंत्री दीदी किचन का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराना है, परंतु लोहरदगा में एक ऐसी तस्वीर नजर आ रही है जो समाज को सोचने पर मजबूर करती है.
दीदी किचन में लाइन में जो भीड़ नजर आती है, उस भीड़ में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं. कोरोना संक्रमण का खतरा वृद्ध और बच्चों पर सबसे ज्यादा है.
सरकार ने भी साफ तौर पर कहा है कि छोटे बच्चों और वृद्धों को किसी भी स्थिति में घर से बाहर ना निकलने दें. इसके बावजूद लोहरदगा में छोटे बच्चों को दीदी किचन में भोजन लेने के लिए लाइन में लगा दिया जाता है. और तो और इन बच्चों से हस्ताक्षर और अंगूठा भी रजिस्टर में लिया जा रहा है.