लोहरदगा: जिला नगर परिषद 132 साल बाद भी अपने नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाया है. शहर के लोग आज भी जल निकासी जैसी समस्या से जूझ रहे हैं. नगर परिषद का इतिहास अंग्रेजों के जमाने का है. फिर भी यहां पर आज तक न तो सीवरेज और न ही ड्रेनेज की व्यवस्था हुई है. बारिश होते ही शहर तालाब में तब्दील हो जाता है. नालियों का गंदा पानी बहता रहता है. नालियों के माध्यम से गंदे पानी को जहां-तहां निकासी किया जा रहा है. संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है. नगर परिषद इस मामले में आज भी योजना बनाने तक ही अपनी भूमिका में सीमित रह गया है.
शहर के 24 वार्ड में जल निकासी की समस्या है गंभीर
2011 की जनगणना के अनुसार, लोहरदगा शहर की आबादी 57 हजार और यहां पर घरों की संख्या 17 हजार है. 24 वार्ड वाले लोहरदगा नगर परिषद में आज भी जल निकासी की समस्या कायम है. इन 9 सालों में शहर की आबादी काफी बढ़ चुकी है. घरों की संख्या भी बढ़ी है. शहर का विस्तार भी हुआ है. सुविधाएं आज भी जस की तस है. समस्याओं के निराकरण की दिशा में भी कोई पहल नहीं हो पाई है. लोग आज भी जड़वत समस्याओं से जूझने को विवश हैं. नगर परिषद मास्टर प्लान बनाने की बात कहता है. नगर परिषद के अधिकारी साफ तौर पर कहते हैं कि पहले बड़े शहरों में सीवरेज और ड्रेनेज की समस्या का समाधान होगा, उसके बाद लोहरदगा में कुछ हो सकता है.