लोहरदगा:शहर को करीब 110 साल के बाद बॉक्साइट के प्रदूषण से निजात मिलने जा रहा है. लोहरदगा शहरी क्षेत्र से बॉक्साइट का डंपिंग यार्ड हटाया जाएगा. इसको लेकर पहल शुरू हो गई है. सरकार की ओर से भी हरी झंडी दे दी गई है. बहुत जल्द लोहरदगा शहरी क्षेत्र से बॉक्साइट डंपिंग यार्ड को हटाकर लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड के बड़की चांपी बॉक्साइट डंपिंग यार्ड में स्थानांतरित किया जाएगा. लंबे समय तक लोहरदगा शहर के लोगों को बॉक्साइट प्रदूषण की वजह से परेशानी हुई है. अब लोगों को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी.
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मार्च 2022 तक डंपिंग यार्ड हटाने का निर्देश
लोहरदगा शहरी क्षेत्र के रेलवे साइडिंग में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा बॉक्साइट का डंपिंग कराते हुए रेलवे के माध्यम से इस बॉक्साइट को मुरी प्लांट में भेजा जाता है. यह काम पिछले कई दशक से चल रहा था. लोहरदगा में रेल की शुरुआत 1911 में हुई और तब से लेकर आज तक यह काम जारी था. लोहरदगा में बॉक्साइट की धुलाई न सिर्फ ट्रकों के माध्यम से होती है, बल्कि रोपवे और ट्रेन के माध्यम से भी बॉक्साइट का परिवहन किया जाता है. रेलवे साइडिंग स्थित बस पड़ाव भी कभी रेलवे की संपत्ति थी. यहीं से चंद कदम की दूरी पर वर्तमान समय में हिंडाल्को का बॉक्साइट डंपिंग यार्ड है. इस बॉक्साइट डंपिंग यार्ड की वजह से हर रोज सैकड़ों बॉक्साइट ट्रकों का परिवहन शहर के अंदर होता है. जिसके कारण बॉक्साइट का प्रदूषण बढ़ता जा रहा था.
प्रदूषण की वजह से कई लोगों की हो चुकी है मौत
प्रदूषण की वजह से लोग सांस संबंधी बीमारियों के शिकार हो रहे थे. कई लोग मौत का शिकार भी बन चुके थे. इस मामले को लेकर कई बार आंदोलन भी किया गया. सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाई गई. अब जाकर सरकार ने यह भरोसा दिलाया है कि हिंडालको कंपनी मार्च 2022 तक लोहरदगा शहरी क्षेत्र से बॉक्साइट डंपिंग यार्ड को हटाकर बड़की चांपी ले जाएगी. इसके बाद यहां के लोगों को बॉक्साइट के प्रदूषण का शिकार नहीं होना पड़ेगा. न सिर्फ इससे यातायात की समस्या खत्म होगी, बल्कि प्रदूषण की समस्या भी जड़ से खत्म हो जाएगी.
झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री और लोहरदगा के विधायक डॉ. रामेश्वर उरांव कहते हैं कि यह लोहरदगा के लिए बेहद जरूरी था. उन्होंने अपने कार्यकाल में यह कर दिखाया है. लोगों को समस्या से मुक्ति मिलेगी.