लोहरदगाः हर साल 16 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है. पृथ्वी के ऊपर मौजूद ओजोन परत और पर्यावरण में उसकी भूमिका के महत्व को उजागर करने के लिए प्रत्येक वर्ष विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है. ओजोन लेयर सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने का काम करती है. अल्ट्रावायलेट किरण अगर धरती पर पड़ेगी, तो जनजीवन, पेड़ पौधे सब नष्ट कर सकती है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को धूप में निकलते समय अल्ट्रा वायलेट किरणों से सावधान रहने और ओजोन परत को संरक्षित करने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक करना है.
ओजोन परत को क्यों हो रहा नुकसान, ओजोन दिवस पर सुनिए विशेषज्ञ की राय
साल 1995 से 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है. भूगोल शास्त्री आशुतोष प्रसाद सिंह से की गई बातचीत पर उन्होंने ओजोन परत से लोगों को सावधान और ओजोन परत को संरक्षित करने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करने की सलाह दी
क्यों हो रहा है ओजोन परत का नुकसान
ओजोन दिवस के मौके पर भूगोल शास्त्री आशुतोष प्रसाद सिंह से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि ओजोन परत की खोज वर्ष 1913 में फ्रांस के भौतिकविदो फैब्री चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी. ओजोन परत, गैस की एक परत है जो पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है. यह गैस की परत सूर्य से निकलने वाली पैराबैगनी किरणों के लिए एक अच्छे फिल्टर का काम करती है. वर्तमान समय में ओजोन परत को काफी नुकसान पहुंचा है. पेड़-पौधों की कटाई, विस्फोटकों का इस्तेमाल और कई ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से ओजोन परत को काफी नुकसान पहुंच रहा है.
ओजोन परत मानव सृष्टि के लिए एक प्रकार से सुरक्षा कवच के समान है. हमारा दायित्व बनता है कि हम पर्यावरण और वायुमंडल की रक्षा करते हुए ओजोन परत की रक्षा करें. जिससे हमारी सृष्टि बची रहे. ओजोन परत सूरज से निकलने वाली खतरनाक पैराबैगनी किरणों को फिल्टर कर हम तक पहुंचाती है. जिससे हमारे शरीर को नुकसान नहीं होता है. यदि ओजोन परत नहीं रहे तो हमें खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. उन्होंने सभी लोगों से ओजोन परत की रक्षा को लेकर संकल्पित होने, पर्यावरण और वायुमंडल को नुकसान से बचाने का संकल्प लेने की बात कही.