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स्कूलों में एमडीएम के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन, जैसे-तैसे मिड-डे मील खा रहे बच्चे! - सरकारी स्कूल

मिड-डे मील योजना का उद्देश्य सिर्फ बच्चों को भोजन उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि बच्चों में साफ-सफाई की आदत भी विकसित करनी है, लेकिन सरकारी स्कूलों में एमडीएम के निर्देशों का पालन नहीं होता है. गंदे फर्श पर बैठ कर बच्चे खाना खा रहे.

स्कूलों में एमडीएम के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

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Published : Jul 30, 2019, 8:01 PM IST

लोहरदगा: सदर प्रखंड के औयना सरकारी स्कूल की है. जहां मध्यान भोजन योजना के तहत निर्देशित है कि बच्चों को पंक्ति में बैठाकर साफ-सुथरे ढंग से मिड-डे मील परोसना है. मिड-डे मील से पहले साबून से बच्चों का हाथ और मुंह धुलाना है.

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असल में ऐसा कुछ होता नहीं, बच्चे जैसे-तैसे हाथ धोते हैं. पंक्तियों में बैठाने के बजाय उन्हें लाइन में लगा कर लंगर की तरह भोजन परोस दिया जाता है. साफ-सफाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गंदे फर्श पर बिना किसी दरि या चटाई के बैठा दिया जाता है.


ऐसे एक-दो नहीं बल्कि तमाम सरकारी स्कूल हैं. इस मामले में सह सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रतन कुमार महावर कहते हैं कि उन्होंने पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं कि बच्चों को पंक्ति में बैठाकर अच्छी तरह से भोजन परोसना है. यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो इसकी जांच की जाएगी. साथ ही माता समिति और रसोइयों को भी इस पर ध्यान देने को लेकर निर्देश दिया है.


सरकारी स्कूलों में एमडीएम के निर्देशों का नहीं होता है पालन. जैसे तैसे मिड-डे मील करते हैं बच्चे. बहरहाल जो भी हो इन निर्देशों का अमल कितने स्कूलों में हो पाता है या तो देखने वाली बात होगी.

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