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कुपोषण को लेकर मंत्री रामेश्वर उरांव का बयान, सिर्फ माताएं और शिशु नहीं, बुजुर्ग की देखभाल भी जरूरी - लोहरदगा में कुपोषण को लेकर मंत्री रामेश्वर उरांव का बयान

झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव लोहरदगा में समाज कल्याण विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम पोषण से संबंधित था. कार्यक्रम में पोषण को लेकर मंत्री ने महत्वपूर्ण बयान दिया है. उनका यह बयान कुपोषण मुक्त समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रहा है.

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कुपोषण को लेकर मंत्री रामेश्वर उरांव का बयान

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Published : Sep 29, 2021, 11:20 AM IST

Updated : Sep 29, 2021, 11:27 AM IST

लोहरदगा: झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कुपोषण और पोषण को लेकर महत्वपूर्ण बातें कही है. उन्होंने कहा है कि सिर्फ माताएं ही नहीं, बल्कि शिशु और वृद्ध को भी पोषण की जरूरत है. कुपोषण मुक्त समाज से ही विकास हो सकता है. जिस प्रकार से पहले वृद्ध को सम्मान दिया जाता था और उन्हें पोषण किया जाता था, वह आज भी जरूरी हो चुका है.

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ये बातें उन्होंने लोहरदगा में पोषण पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही. यह कार्यक्रम समाज कल्याण विभाग की ओर से आयोजित की गई थी. जिले के नगर भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. लोहरदगा में पोषण को लेकर महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मंत्री ने सभी लोगों से कुपोषण मुक्त समाज को लेकर संकल्प लेने की बात कही है. इस दौरान मंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की. साथ ही कुपोषण मुक्त समाज को लेकर अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं. कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं अपने शिशु के साथ उपस्थित थीं.

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कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण को लेकर लोहरदगा में झारखंड सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने महत्वपूर्ण बातें कही है. यह समाज में कुपोषण को लेकर उनकी चिंता को दर्शाता है. देखना है कि अधिकारी उनकी बातों को कितना समझते हैं. उनके दिए निर्देशों का कितना पालन करते हैं.

कुपोषण से मुक्ति के लिए चल रही जश्न परियोजना

बता दें कि झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. इसको दूर किए बिना एक सशक्त समाज की कल्पना नहीं की जा सकती. झारखंड में स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार लाने के लिए 'जश्न परियोजना (ज्वाइंट एक्शन फॉर सस्टेनेबल हेल्थ एंड न्यूट्रीशन)' चल रहा है. जश्न कार्यक्रम को वक्त की जरुरत बताया गया है. कोविड के बाद के चुनौतीपूर्ण समय में जश्न कार्यक्रम के जरिए गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य मानकों में सुधार की उम्मीद जताई गई है.

Last Updated : Sep 29, 2021, 11:27 AM IST

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