लोहरदगा: जिले में लॉकडाउन के दौरान गरीबी और बेबसी ने नियमों को तोड़ कर रख दिया है. भूख सारे नियम तोड़ रही है. छोटे-छोटे बच्चे बारिश में भींग कर अपने पेट की आग बुझा रहे हैं. मजबूरी यह है कि माता-पिता मजदूरी के लिए कहीं जा नहीं पा रहे. इसलिए अपनी पेट की आग बुझाने के लिए वह लाइन में खड़े हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को तोड़कर बारिश में भीगते हुए खड़े यह बच्चे सरकार को सच्चाई से रूबरू करा रहे हैं. बता रहे हैं कि यह लाइन खत्म होनी चाहिए. सरकार व्यवस्था ऐसी दे की उनके घरों का चूल्हा जले.
ईटीवी भारत ने शहर के रेलवे साइडिंग बस पड़ाव क्षेत्र मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र का जायजा लिया. यहां पर जो तस्वीरें नजर आई वह चिंतित करने वाली है. लाइन में खड़े बच्चे बता रहे हैं कि उन्हें तो बस अपने पेट की आग को बुझाना आता है. जिला प्रशासन ने विभिन्न प्रखंडों में मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र के अलावे विशेष दाल-भात केंद्र और जिले के 7 प्रखंडों में कुल 127 दीदी किचन का संचालन किया जा रहा है. इसके माध्यम से हर दिन हजारों की संख्या में लोग दो वक्त के भोजन का जुगाड़ कर पा रहे हैं. यहां पर लोगों की भीड़ इतनी हो जाती है कि उसे संभालना भी मुश्किल हो जाता है. ज्यादातर घरों से छोटे-छोटे बच्चे लाइन में खड़े हो जाते हैं. लाइन में खड़े होने के बाद इन्हें संभालना काफी मुश्किल होता है.
कतार में खड़े बच्चे सच्चाई से करा रहे रूबरू