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लोहरदगा: आखिर क्यों हुए अन्नदाता फसल जलाने को मजबूर, आप भी जानिए

लॉकाडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी. इस दौरान किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है. लोहरदगा में हर साल किसान 15 करोड़ रुपये की ईख बेचते थे, लेकिन इस बार बाजार बंद रहने के कारण किसानों को भारी नुकसान हो गया. किसानों में इतना गुस्सा है कि वो खेतों में लगे ईख की फसल को जलाकर बर्बाद कर रहे हैं.

Farmers set fire to reed crop in Lohardaga
फसल जलाने को किसान मजबूर

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Published : May 26, 2020, 5:15 PM IST

Updated : May 26, 2020, 5:49 PM IST

लोहरदगा: एक किसान अपनी फसलों को तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत करता है. खेत तैयार करने से लेकर फसल के तैयार होने तक किसान काफी पसीना बहाता है. ऐसे में अगर किसानों को उसका उचित लाभ नहीं मिलता है तो बहुत तकलीफ होती है. कुछ ऐसा ही लोहरदगा के किसानों के साथ हुआ है. जिसके कारण किसान गुस्से की आग में अपनी खेत में लगे ईख की खेतों को जलाकर बर्बाद कर रहे हैं.

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नहीं बिकी फसल तो अब लगा रहे आग
लोहरदगा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में ईख की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है. हर साल कई हजार मीट्रिक टन ईख का उत्पादन होता है. लोहरदगा के भंडरा, किस्को, लोहरदगा, सेन्हा, कुडू आदि क्षेत्र में ईख की पैदावार होती है. इस साल भी काफी बेहतर ईख का उत्पादन हुआ था. यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि लॉकडाउन की वजह से ईख के खरीदार नहीं मिल पाए. खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होकर रह गई. समय बीतने की वजह से ईख की फसल का अब खरीदार नहीं मिल रहा है. किसान परेशान हो चुके हैं. यदि खेतों में ही ईख की फसल को छोड़ दी जाए तो उस खेत में दूसरी फसल भी नहीं लगाई जा सकेगी. ऐसे में किसानों की जमा पूंजी तो बर्बाद होगी ही, साथ ही भविष्य के लिए भी फसलों को लगाने को लेकर समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इस समस्या से निजात पाने के लिए किसान हजारों हजार एकड़ में लगे ईख की फसल को आग लगाकर बर्बाद करने पर उतारू हो गए हैं.

फसल में लगाई आग

किसानों को भारी नुकसान

किसानों को नुकसान होने के कारण उनकी आंखों में आंसू तो जरूर है, लेकिन उनके चेहरे पर एक सवाल भी है कि आखिर इतनी मेहनत को आग लगाकर उन्हें खुशी तो नहीं हो रही होगी, पर उनकी तकलीफ को सुनने वाला कोई नहीं है. किसानों की परेशानी की सुध न तो सरकार ने ली और न ही स्थानीय प्रशासन ने. जिसके कारण किसानों के सामने एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है.

फसल जलाते किसान

हर साल 15 करोड़ की ईख बेचते थे किसान

लोहरदगा जिले में कई हजार एकड़ में ईख की पैदावार होती है. हर साल एक अनुमानित रूप से लगभग 15 करोड़ रुपए की ईख किसान बेचते हैं. मूल रूप से इसकी बिक्री जूस निकालने के लिए ही की जाती है. इस बार लॉकडाउन के कारण न तो बाजार खुले और न ही जूस के खरीदार मिले. ऐसे में ईख की फसल को कोई खरीदने वाला मिला ही नहीं. पिछले कई साल तक व्यापारी गांव-गांव घूमकर किसानों से पूरी खेत खरीद लेते थे. इस बार कोई व्यापारी भी नहीं आया. परेशानी हो गई कि अब इस फसल को रख कर कोई फायदा भी नहीं.

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किसान कहते हैं कि उनकी परेशानी को उनके अलावा कोई समझ नहीं सकता. सरकार समझती तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता. जिला परिषद के सदस्य कहते हैं कि किसानों की समस्या तो दूर की बात, वह प्रतिनिधि होकर भी जब प्रशासन के पास गुड़ की मशीन लाने के लिए आवेदन देने गए तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. अब समझिए कि किसान को कितनी परेशानी होती होगी. जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष कहते हैं कि किसानों की समस्या को लेकर फेडरेशन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाएंगे, किसानों को उनकी समस्या से छुटकारा दिलाएंगे.


लोहरदगा जिले में किसान ईख के खेत में आग लगा रहे हैं. ईख की खेती करने वाले किसान कई एकड़ में लगी फसल को आग लगाकर बर्बाद कर रहे हैं. फसलों की बिक्री नहीं हो पाने की वजह से किसानों को ऐसा कदम उठाना पड़ा है. खून के आंसू रोते हुए किसान सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर उनकी परेशानियों से छुटकारा उन्हें कौन दिलाएगा.

Last Updated : May 26, 2020, 5:49 PM IST

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