लोहरदगा: एक किसान अपनी फसलों को तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत करता है. खेत तैयार करने से लेकर फसल के तैयार होने तक किसान काफी पसीना बहाता है. ऐसे में अगर किसानों को उसका उचित लाभ नहीं मिलता है तो बहुत तकलीफ होती है. कुछ ऐसा ही लोहरदगा के किसानों के साथ हुआ है. जिसके कारण किसान गुस्से की आग में अपनी खेत में लगे ईख की खेतों को जलाकर बर्बाद कर रहे हैं.
नहीं बिकी फसल तो अब लगा रहे आग
लोहरदगा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में ईख की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है. हर साल कई हजार मीट्रिक टन ईख का उत्पादन होता है. लोहरदगा के भंडरा, किस्को, लोहरदगा, सेन्हा, कुडू आदि क्षेत्र में ईख की पैदावार होती है. इस साल भी काफी बेहतर ईख का उत्पादन हुआ था. यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि लॉकडाउन की वजह से ईख के खरीदार नहीं मिल पाए. खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होकर रह गई. समय बीतने की वजह से ईख की फसल का अब खरीदार नहीं मिल रहा है. किसान परेशान हो चुके हैं. यदि खेतों में ही ईख की फसल को छोड़ दी जाए तो उस खेत में दूसरी फसल भी नहीं लगाई जा सकेगी. ऐसे में किसानों की जमा पूंजी तो बर्बाद होगी ही, साथ ही भविष्य के लिए भी फसलों को लगाने को लेकर समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इस समस्या से निजात पाने के लिए किसान हजारों हजार एकड़ में लगे ईख की फसल को आग लगाकर बर्बाद करने पर उतारू हो गए हैं.
किसानों को भारी नुकसान
किसानों को नुकसान होने के कारण उनकी आंखों में आंसू तो जरूर है, लेकिन उनके चेहरे पर एक सवाल भी है कि आखिर इतनी मेहनत को आग लगाकर उन्हें खुशी तो नहीं हो रही होगी, पर उनकी तकलीफ को सुनने वाला कोई नहीं है. किसानों की परेशानी की सुध न तो सरकार ने ली और न ही स्थानीय प्रशासन ने. जिसके कारण किसानों के सामने एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है.