लोहरदगा:जिले में किसान अब नाशपाती की खेती कर रहे हैं. मौसम पर मेहनत भारी पड़ चुका है. तमाम परिस्थितियों को बदलते हुए किसानों ने यहां नाशपाती की पैदावार कर यह बता दिया कि कोशिश हो तो आसमान में भी सुराख हो सकता है. किसानों के लिए नाशपाती की खेती किसी वरदान से कम नहीं है.
तत्कालीन उपायुक्त के प्रयास से शुरू हुई थी खेती
नाशपाती की खेती अमूमन ठंडे और पठारी क्षेत्र में होती है. लोहरदगा का मौसम बदलता रहता है. कभी ठंड तो कभी गर्म. ऐसे में नाशपाती की खेती के लिए मौसम अनुकूल नहीं था, लेकिन किसानों ने अपनी मेहनत से परिस्थितियों को बदल कर रख दिया. समय-समय पर पौधों में पानी का छिड़काव और दवा देने से नाशपाती की खेती सहज हो गई. अब तो यहां बड़े पैमाने पर नाशपाती की पैदावार होती है.
किसानों को फायदा
लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड अंतर्गत कंडरा क्षेत्र में कई एकड़ जमीन बंजर पड़ी हुई थी, जिसके कारण किसानों को इस जमीन का कोई भी मुनाफा नहीं मिल पाता था. न तो कोई फसल हो पाती थी और न ही इस जमीन की कोई कीमत ही थी. ऐसे में साल 2003 में तत्कालीन उपायुक्त की नजर इस जमीन पर पड़ी. उन्होंने क्षेत्र भ्रमण के दौरान यह पाया कि इस जमीन में अगर बागवानी की जाए तो यहां के किसानों को फायदा हो सकता है. उन्हें रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा.