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लोहरदगा में CAA के समर्थन में निकले जुलूस पर पथराव, 28 साल के बाद दिखा ऐसा तांडव, लगा कर्फ्यू

लोहरदगा जिले में गुरुवार को निकाले गए सीएए के समर्थन जुलूस में उपद्रवी लोगों ने पथराव कर दिया, जिसके बाद वहां दो गुट आमने-सामने हो गए. जिसके बाद उपद्रवियों ने आगजनी और वाहनों में तोड़फोड़ की. हालात को बेकाबू होते देख जिला प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया है.

Curfew imposed after controversy in CAA support rally in Lohardaga
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Published : Jan 23, 2020, 11:50 PM IST

लोहरदगा:नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में गुरुवार को जिले में एक जुलूस निकाला गया, जिसपर कुछ उपद्रवी लोगों ने पथराव कर दिया और देखते ही देखते दो गुट आमने-सामने हो गए. जिसके बाद दोनों गुटों के लोगों ने आगजनी और वाहनों की तोड़फोड़ की.

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नागरिकता संशोधन विधेयक के समर्थन जुलूस के नाम पर लोहरदगा में जो रैली निकाली गई थी. उसके बाद उस रैली को निशाना बनाकर पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ की गई. इस दौरान रैली में गुंडागर्दी की घटनाएं देखने को मिली, उसकी वजह से लोहरदगा शहर पूरी तरह से जल उठा. देखते ही देखते लोहरदगा शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में यह आग फैल चुकी है. लोहरदगा जिले में जो प्रारंभिक आंकड़े सामने आए हैं. उसमें 53 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. साथ ही 6 लोगों को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया है.

डीसी और एसपी पर भी हुए पथराव

सीएए के समर्थन रैली के दौरान उत्पन्न हुए विवाद में 14 वाहनों में तोड़फोड़ की घटना हुई है. साथ ही 8 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. लोहरदगा शहरी क्षेत्र और उपनगरीय क्षेत्रों में 3 दर्जन से ज्यादा दुकानों में लूटपाट और आगजनी की घटना हुई है. इसके अलावा कई दुकानों में तोड़फोड़ की घटना को भी अंजाम दिया गया है. हालात इतना बदतर हो गया कि दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त विनोद कुमार, एसपी प्रियदर्शी आलोक पर भी पथराव किया गया. हालांकि दोनों अधिकारी सुरक्षित हैं.

उग्र प्रदर्शन को देखते हुए लोहरदगा में लगा कर्फ्यू

लोहरदगा में उपद्रवियों ने जो तांडव मचाया, उसकी वजह से करोड़ों का नुकसान हुआ है. जिला प्रशासन ने एहतियातन लोहरदगा में कर्फ्यू लगा दिया है. इसके बावजूद लगातार कई घटनाएं सामने आ रही है. शहरी क्षेत्र के न्यू रोड, मिशन चौक, पावरगंज चौक, बरवाटोली चौक, ब्लॉक मोड, पतराटोली टोली चौक सहित अन्य स्थानों में कई दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम दिया गया है. इन घटनाओं में ज्यादातर दोनों ही समुदाय के लोग प्रभावित हुए हैं. लोहरदगा जिले में 28 साल के बाद इस तरह की घटना हुई है. साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना के बाद देशभर में जो दंगे हुए थे, उसके बाद साल 2020 में लोहरदगा में इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. जिस तरह से खुलेआम तांडव मचाने का काम किया गया, उससे एक बात तो तय है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए निश्चित रूप से साजिश हुई है.

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28 साल के बाद लोहरदगा में ऐसा तांडव

बता दें कि लोहरदगा में 28 साल के बाद इस तरह के उपद्रवी तांडव हुए हैं. लोहरदगा में आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाओं की वजह से करोड़ों का नुकसान हुआ है. कई परिवारों को इससे काफी ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा है. लोग जहां-तहां भागकर शरण लेने को विवश हो गए हैं. पुलिस प्रशासन ने पूरे शहरी क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया है. लोगों को घर में ही रहने की हिदायत दी गई है. आठवीं बोर्ड की परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है.

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