Farmers in Latehar: लातेहार के इस गांव में खूंटे से बंधे रहते हैं जानवर, खुले में छोड़ना है मना, जानिए क्यों
लातेहार के मोंगर गांव में किसानों को जानवरों से फसल नुकसान की चिंता नहीं रहती है. क्योंकि यहां वो फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं. वजह यह है कि जानवरों को गांव में खुला छोड़ना मना है. यहां हमेशा उन्हें बांध कर रखा जाता है.
लातेहारः जानवर और इंसान हमेशा एक दूसरे के पूरक रहे हैं. जानवरों की मदद से किसान खेती करते हैं और लोगों की भूख मिटाते हैं. परंतु कई बार यही जानवर किसानों के लिए सिर दर्द भी बन जाते हैं. खुले में घूमने वाले जानवर किसानों के फसलों को नष्ट कर उनकी कमर तोड़ देते हैं. किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए लातेहार सदर प्रखंड के मोंगर गांव के ग्रामीणों ने एक निर्णय लिया है, इसके तहत गांव के ग्रामीण अपने मवेशियों को खुला नहीं छोड़ेंगे. ग्रामीणों की व्यवस्था से किसानों को काफी लाभ हो रहा है.
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समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने लिए निर्णयःलातेहार जिले का मोंगर पंचायत खेती के मामले में जिले के बेहतर गांव में से एक है. इस गांव में बड़ी संख्या में किसान मौसमी खेती करते हैं. सालों भर यहां के खेतों में खेती होती है. परंतु जानवरों के कारण किसानों का अक्सर नुकसान हो जाता था. खुले में घूमने वाले जानवर किसानों के खेत में पहुंचकर फसल को खा जाते थे. मवेशियों के द्वारा लगातार किए जा रहे फसलों के नुकसान से बचने के लिए ग्रामीणों ने एक बैठक की और सामूहिक निर्णय लिया कि अब गांव के कोई भी पशुपालक अपने मवेशी को खुला नहीं छोड़ेंगे. सभी पशुपालक अपने मवेशियों को बांध कर रखेंगे तथा उसकी निगरानी भी करेंगे ताकि किसी किसान को नुकसान ना हो.
दंड का भी रखा प्रावधानःग्रामीणों ने इसके लिए दंड का भी प्रावधान रखा. ग्रामीणों ने सामूहिक निर्णय लिया कि जो लोग अपने मवेशियों को बांधकर नहीं रखेंगे और उनके मवेशियों के द्वारा किसी किसान के फसल को नुकसान पहुंच जाता है तो पशु पालक पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके बावजूद अगर कोई पशुपालक दोबारा इस प्रकार की लापरवाही करते पकड़ा जाएगा तो उसके लिए समाज की एक बैठक कर उसे दंडित किया जाएगा. गांव के पूर्व मुखिया कामेश्वर सिंह, महिला मानमती देवी आदि ने बताया कि गांव में मवेशियों को बांधकर रखने का सामूहिक निर्णय लेने के बाद ग्रामीणों को काफी सहूलियत हुई है. अब फसल को नुकसान नहीं होता है वही गांव में बिना मतलब छोटे-छोटे विवाद भी रुक गए हैं.