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Latehar News: एक कमरा और कक्षाएं तीन! जानिए, किस स्कूल का है ऐसा हाल

लातेहार में स्कूल भवन की कमी है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, तस्वीरें ये बयां कर रही हैं. एक तरफ उत्कृष्ट स्कूल बनाकर शिक्षा को दुरुस्त करने की बात हो रही है तो दूसरी तरफ ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं. लातेहार में शिक्षा व्यवस्था की बानगी इस रिपोर्ट को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है.

Poor condition of education in Latehar three classes in one room
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Published : May 20, 2023, 8:25 PM IST

Updated : May 20, 2023, 8:55 PM IST

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लातेहारः सरकारी शिक्षा का स्तर कैसा होता है ये बात किसी से छिपी नहीं है. शिक्षा व्यवस्था बदहाल होने की कई वजह है, इनमें से सबसे ज्यादा दिक्कत बुनियादी और ढांचागत संरचना की है. लातेहार में शिक्षा व्यवस्था का आलम भी कुछ ऐसा ही है.

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लातेहार के धनकारा पंचायत के मध्य विद्यालय को उत्क्रमित करते हुए 4 साल पूर्व ही हाई स्कूल बना दिया गया है. लेकिन आज तक स्कूल में नए भवन का निर्माण नहीं कराया गया. स्कूल में पूर्व में पांच कमरे थे. जिसमें मध्य विद्यालय की पढ़ाई होती थी, पर हाई स्कूल बनने के बाद यहां के दो कमरों को कंप्यूटर लैब और स्मार्ट क्लास बना दिया गया, जिससे स्कूल में कमरों की संख्या मात्र 3 बच गई.

कमरा एक-कक्षाएं तीनः स्कूल में नए भवन का निर्माण अब तक नहीं हुआ. अब तीन कमरों में कक्षा 1 से लेकर 10 तक के बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है. जगह कम होने के कारण एक-एक कमरे में 3-3 कक्षा के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाई कराने को शिक्षक विवश हैं. छात्र उमर अंसारी ने बताया कि जगह कम रहने के कारण उन्हें बैठने में भारी परेशानी होती है, एक-एक बेंच पर छह से सात बच्चे बैठते हैं. जिस कारण बच्चों को लिखने-पढ़ने में भी काफी दिक्कत होती है.

शिक्षक भी रहते हैं परेशानः स्कूल में छात्रों को बैठाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं रहने के कारण शिक्षक भी परेशान रहते हैं. स्कूल के प्रिंसिपल पिंटू कुमार कहते हैं कि पर्याप्त जगह नहीं रहने के कारण बच्चों को बैठाकर पढ़ाने में शिक्षकों को भी परेशानी होती है. प्राचार्य ने बताया कि छोटे बच्चों को तो किसी प्रकार एक कमरे में एडजस्ट कर पढ़ाया जा सकता है. लेकिन ऊंचे क्लास के अलग-अलग वर्ग के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाने में काफी कठिनाई होती है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने विभाग से पत्राचार किया है और स्कूल में अतिरिक्त कमरों के निर्माण की मांग की है.

मुखिया ने भी विभाग को लिखा है पत्रःइस संबंध में पूछने पर धनकारा पंचायत के मुखिया प्रदीप सिंह ने कहा कि स्कूल में जगह की भारी कमी है. कमरे कम रहने के कारण बच्चों को पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, इस कारण कई बच्चे तो स्कूल भी नहीं जाते. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने विभाग से पत्राचार भी किया है. विभाग को चाहिए कि ऐसे स्कूलों को अतिरिक्त कमरा का लाभ प्रदान करें ताकि बच्चे आसानी से पढ़ाई कर सकें.

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जताई अनभिज्ञताः इस संबंध में पूछने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रिंस कुमार ने अनभिज्ञता जताई. उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से विद्यालय में कमरों की कमी की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि विभाग वैसे सभी विद्यालयों की सूची तैयार कर रहा है. जहां कमरों की संख्या कम और छात्रों की संख्या अधिक हो ऐसे विद्यालयों में अतिरिक्त कमरे के निर्माण के लिए विभाग से अनुशंसा की जाएगी. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही यहां अतिरिक्त कमरों का निर्माण भी किया जाएगा.

सरकार एक तरफ तो राज्य में मॉडल स्कूल बनाकर सरकारी स्कूल के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने का दावा कर रही है. लेकिन अभी भी कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां कमरों के अभाव में बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित ऐसे विद्यालयों पर भी सरकार ध्यान दें ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी बेहतर शिक्षा पा सके.

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Last Updated : May 20, 2023, 8:55 PM IST

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