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झारखंड-छत्तीसगढ़ बॉर्डर से अगवा सुरक्षाकर्मी और मुंशी 13 दिन बाद रिहा, परिजनों ने ली राहत की सांस

लातेहार में अपहृत सुपरवाइजर सहित दो गार्ड को माओवादियों ने 13 दिन बाद मुक्त कर दिया है. इन लोगों को माओवादियों ने पुलिस को जानकारी देने के आरोप में उठाकर ले गए थे.

Naxalites freed kidnapped security personnel and scribe
अपहृत सुरक्षाकर्मी और मुंशी हुए मुक्त

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Published : Dec 11, 2020, 9:49 AM IST

लातेहार: माओवादियों ने झारखंड-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर स्थित महुआडांड़ थाना क्षेत्र के कुकुदपाठ बॉक्साइट माइंस से अपहृत सुपरवाइजर और दो सुरक्षाकर्मियों को 13 दिन बाद मुक्त कर दिया. तीनों को गुरुवार देर रात छोड़ा गया. दरअसल, बॉक्साइट माइंस के कांटा घर के सुरक्षा में लगे दो सुरक्षाकर्मी सूरज सोनी और संजय यादव सहित राजेंद्रपूर बॉक्साइट माइंस के सुपरवाइजर रामधनी यादव का 28 नवंबर को माओवादियों ने अपहरण कर लिया था. इसके बाद से अपहृतों को छुड़वाने के लिए झारखंड और छत्तीसगढ़ की पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी, लेकिन पुलिस को इन लोगों का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था.

इधर लगातार समय गुजरने से अपहृत लोगों के परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही थी. परिजनों ने 2 दिन पूर्व माओवादियों से अपील की थी कि उनके परिजनों को सकुशल मुक्त कर दें, क्योंकि वह लोग काफी गरीब परिवार के लोग हैं. इसके बाद गुरुवार की देर रात छत्तीसगढ़ की सीमा पर तीनों अपहृत को माओवादियों ने मुक्त कर दिया.

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लेवी के लिए की गई थी कार्रवाई

दरअसल, माइंस से लेवी की वसूली को लेकर माओवादियों ने कार्रवाई की थी. जानकारी के अनुसार माओवादियों ने मुंशी और सुरक्षाकर्मियों को नक्सली पर्चा देकर माइंस के प्रबंधन तक पहुंचाने का निर्देश दिया था. लेकिन यह पर्चा पुलिस तक पहुंच गया. इसी से नाराज होकर नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों और मुंशी के साथ मारपीट की और उन्हें बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे. अपहृत सुरक्षाकर्मी और सुपरवाइजर के मुक्त होने के बाद उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है.

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