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Queen Of Chhotanagpur! झारखंड का हिल स्टेशन नेतरहाट, यहां गर्मियों में होता है बसंत का अहसास

प्रकृति ने झारखंड को खनिज के साथ साथ सुंदर वादियां और जंगलों की खूबसूरत नेमत बख्शी है. उनमें से एक है लातेहार जिले का नेतरहाट. जिसे क्वीन ऑफ छोटानागपुर या झारखंड की रानी के नाम से भी जाना जाता है. झारखंड का हिल स्टेशन नेतरहाट, जहां मई और जून की गर्मियों में बसंत का अहसास होता है.

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Published : May 14, 2023, 11:53 AM IST

Updated : May 14, 2023, 2:19 PM IST

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लातेहारः गर्मी का आगाज हो चुका है, बच्चों की गर्मी की छुट्टी भी हो चुकी है. ऐसे में घूमने का प्लान है तो हर तबके लिए हर तरह के ऑप्शन है. अगर आप संपन्न हैं तो विदेश यात्रा के लिए किसी बर्फीले देश में जा सकते हैं. भारत में नैनीताल, कुल्लू, मनाली, शिमला, ऊटी जैसे हिल स्टेशन की ओर भी रुख कर सकते हैं. लेकिन क्या आपको पता है, इन्हीं ठंडे स्थानों की तरह झारखंड में भी नेतरहाट एक ऐसा स्थान है, जहां मई और जून की तपती गर्मी में भी बसंत ऋतु का एहसास होता है. क्वीन ऑफ झारखंड या झारखंड की रानी के नाम से मशहूर इस स्थान को लोग झारखंड का हिल स्टेशन भी कहते हैं.

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झारखंड राज्य के लातेहार जिले का नेतरहाट अपने सुहाने मौसम को लेकर झारखंड ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे प्रदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है. समुद्र तल से लगभग 3 हजार 622 फीट की ऊंचाई पर अवस्थित रहने के कारण यहां का मौसम काफी सुहावना होता है. यहां गर्मी का एहसास नहीं के बराबर होता है. जब मौसम पूरी तरह साफ हो तो दिन में तो बिना गर्म कपड़े के काम चल जाता है. लेकिन रात होते ही यहां का मौसम सर्द हो जाता है. रात में यहां सालों भर रजाई की जरूरत पड़ती है.

हर साल बड़ी संख्या में हैं सैलानीः नेतरहाट झारखंड के अलावा आसपास के दूसरे प्रदेशों में पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात है. झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा समेत अन्य प्रदेशों के पर्यटक बड़ी संख्या में यहां घूमने आते हैं. नवंबर से लेकर जून महीने तक यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. गर्मी के मौसम में यहां का मौसम सुहाना रहने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आकर सुकून पाते हैं.

नेतहाट घूमने आए पर्यटक मनीष कुमार कहते हैं कि लोग कुल्लू, मनाली जैसे नामी-गिरामी हिल स्टेशन पर जाते हैं. लेकिन उन्हें एक बार नेतरहाट भी आकर देखना चाहिए. नेतरहाट किसी भी सूरत में किसी बड़े हिल स्टेशन से कम नहीं है. वहीं पर्यटक रवि कुमार कहते हैं कि दोस्तों ने उन्हें बताया था कि नेतरहाट का मौसम सुहाना होता है. यहां आया तो एहसास हुआ कि यहां का मौसम वाकई काफी सुहाना है. इसके अलावा यहां का सनसेट और सनराइज अपने आप में अनोखा है. इसके अलावा नेतरहाट का स्कूल भी अतुलनीय है.

सालों भर रहता है ठंड, पर्यटक गर्म कपड़े जरूर लाएंः इस संबंध में नेतरहाट में होटल रवि शशि के संचालक राजेंद्र प्रसाद कहते हैं कि नेतरहाट में सालों भर मौसम ठंडा ही रहता है. उन्होंने कहा कि पर्यटक जब भी यहां आए तो अपने साथ कुछ न कुछ गर्म कपड़े जरूर लाएं. क्योंकि यहां का मौसम कब बदल जाए, यह कोई नहीं जानता. वहीं होटल मैनेजर प्रदीप कुमार बताते हैं कि नेतरहाट में पर्यटकों की भीड़ लगती है कि यहां होटल में जगह मिलना भी मुश्किल हो जाता है. इसीलिए यहां आने से पहले पर्यटक होटल की बुकिंग करा लेते हैं.

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क्या-क्या है नेतरहाट में खासः नेतरहाट में सुहाने मौसम के साथ-साथ घूमने के भी कई स्थान हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक हैं. नेतरहाट का सनराइज प्वाइंट कोयल व्यू, सनसेट प्वाइंट मैगनोलिया, अपर घघरी, लोअर घघरी, नेतरहाट आवासीय विद्यालय, नाशपाती बागान, नेतरहाट डैम समेत कई अन्य स्थान हैं, जहां पर्यटकों की भीड़ लगती है. हालांकि नेतरहाट में छोटा सा बाजार भी स्थित है, जहां जरूरत का सामान मिल जाता है.

कैसे जाएं नेतरहाटः नेतरहाट जाने का साधन सड़क मार्ग है. रांची से नेतरहाट की दूरी लगभग 165 किमी है. रांची से लोहरदगा-घाघरा-बनारी होते हुए नेतरहाट पहुंचा जा सकता है. वहीं लातेहार जिला मुख्यालय से नेतरहाट की दूरी 80 किलोमीटर है. लातेहार से सरयू होते हुए नेतरहाट पहुंचा जा सकता है. वहीं पलामू से नेतरहाट की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है, पलामू से बेतला-गारू-कोटाम या महुआडांड़ होते हुए नेतरहाट पहुंचा जा सकता है.

क्या-क्या बरतें सावधानीः नेतरहाट आने वाले पर्यटकों को थोड़ी सावधानी भी बरतनी पड़ती है. बनारी से नेतरहाट आने के दौरान लगभग 20 किलोमीटर तक गहरी घाटियां मिलती है. इस दौरान वाहन चालकों को सतर्कता से वाहन चलाना होता है. घाटियों में वाहन चलाने के दौरान एक्सपर्ट ड्राइवर को ही गाड़ी चलानी चाहिए. नेतरहाट में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हैं. यहां लूट और अन्य अपराधिक घटनाओं का डर नहीं के बराबर होता है. नेतरहाट में थाना भी स्थित है. वहीं जंगल वार फेयर स्कूल भी यहां संचालित है. पुलिस के द्वारा यहां सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है.

नेतरहाट को प्रकृति ने तो अनुपम उपहार दिए हैं. जरूरत इस बात की है कि सरकार के द्वारा हिल स्टेशन के रूप में इसे विकसित किया जाए ताकि यहां पर्यटकों की भीड़ ज्यादा से ज्यादा हो सके.

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Last Updated : May 14, 2023, 2:19 PM IST

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