लातेहार: जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र में कोयले का काला कारोबार बरसों से फल-फूल रहा है. जांच के दौरान कोयला के इस काले कारोबार में पुलिस अधिकारियों की भी संलिप्तता की पुष्टि हुई है. मामले में कार्रवाई करते हुए एसपी ने बालूमाथ के डीएसपी और इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर करते हुए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है.
लातेहार: पुलिस की मिलीभगत से हो रहा था कोयले का काला कारोबार, DSP और इंस्पेक्टर पर कार्रवाई
लातेहार के बालूमाथ में बड़े पैमाने पर कोयले का काला कारोबार चल रहा था. इस कारोबार में पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मी भी संलिप्त थे. जांच के दौरान कोयला के इस काले कारोबार में पुलिस अधिकारियों की भी संलिप्तता की पुष्टि हुई है. मामले में कार्रवाई करते हुए एसपी ने बालूमाथ के डीएसपी और इंस्पेक्टर को लाइन करते हुए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है.
बालूमाथ थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कोयले का काला कारोबार चल रहा था. इस कारोबार में पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मी भी संलिप्त थे. बालूमाथ से लगभग 15 ट्रक कोयला प्रतिदिन अवैध रूप से उत्खनन कर बेचा जा रहा था. इसकी भनक लगने के बाद लातेहार एसपी प्रशांत आनंद ने खुद मामले की जांच शुरू की. जांच के क्रम में एसपी को कई अहम सुराग मिले. जिसमें स्पष्ट था कि कोयला के काले कारोबार में पुलिस अधिकारियों को रकम दी जाती है.
5 दिन पहले पकड़ा गया था अवैध कोयला लदा ट्रक
एसपी प्रशांत आनंद ने करीब 5 दिन पहले बालूमाथ थाना क्षेत्र से कोयला लदा एक ट्रक पकड़ा था. इसकी छानबीन के क्रम में एसपी को कई अहम सुराग हाथ लगे. इसके बाद एसपी ने बालूमाथ डीएसपी के क्राइम रीडर से पूछताछ शुरू की. वहीं, क्राइम रीडर के फोन कॉल को भी खंगाला गया. जिसमें पुलिस अधिकारियों के कोयले के अवैध कारोबार में हिस्सेदारी का मामला प्रकाश में आया.
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एसपी प्रशांत आनंद ने मामले की जांच के बाद अहम सबूत इकट्ठा करके इसकी रिपोर्ट झारखंड के डीजीपी को भेज दी. एसपी ने दोषी डीएसपी रणवीर सिंह, इंस्पेक्टर राजेश मंडल और अन्य लोगों पर विभागीय कार्रवाई शुरू करने की अनुशंसा की है. साथ ही एसपी ने दोषी डीएसपी को बालूमाथ से हटाकर लातेहार पुलिस केंद्र में बुला लिया है. वहीं बालूमाथ के इंस्पेक्टर को भी लाइन हाजिर कर दिया.
लाखों रुपए की होती है वसूली
कोयला के इस काले कारोबार में प्रतिदिन लाखों रुपए का कारोबार होता है. पुलिस अधिकारियों को भी प्रति ट्रक के हिसाब से बंधी बंधाई रकम कोयला तस्करों की ओर से दी जाती है. पैसे की लालच में पुलिस अधिकारी भी तस्करों को खुली छूट दे देते हैं. अब एसपी की इस कार्रवाई से कोयला तस्करी में लिप्त पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सफेदपोश लोगों के भी होश उड़े हुए हैं.