लातेहारः जिले में इन दिनों आत्महत्याओं के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. आत्महत्या करने वाले लोगों में 40 वर्ष से कम उम्र के लोग ज्यादा है. लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की घटना चिंता का विषय बन गया है. हालांकि मनोविज्ञान से संबंधित चिकित्सकों का मानना है कि तनाव के कारण इस प्रकार की घटना अक्सर होती है.
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जिला के आंकड़े हैं भयावहः लातेहार जिले में पिछले 3 माह के अंतराल में 20 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली. जिले में अप्रैल माह में 10 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की. मई महीने में भी जिले के विभिन्न प्रखंडों में आत्महत्या की घटना घटती रही. सरकारी रिकॉर्ड में ही 8 से अधिक मामले आत्महत्या के दर्ज हैं. जून महीने के आरंभ होते ही एक साथ पति पत्नी ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाले अधिकांश लोगों में 40 वर्ष से कम उम्र के लोग ही शामिल हैं. आंकड़ा तो सिर्फ वे आंकड़े हैं जो सरकारी स्तर पर दर्ज हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार ऐसा भी होता है कि आत्महत्या के बाद भी मामला पुलिस तक पहुंच भी नहीं पाता. ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं की संख्या काफी अधिक होती है. इधर लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की घटना के कारण समाज के समक्ष एक संकट खड़ा हो गया है.
तनाव के कारण बढ़ रही आत्महत्या की घटनाः इस संबंध में लातेहार सदर अस्पताल में मनोचिकित्सक डॉक्टर श्रवण महतो ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि तनाव के कारण आत्महत्याओं की घटना में वृद्धि होती है. उन्होंने कहा कि युवा विभिन्न प्रकार के तनाव से गुजरते हैं. यह तनाव शिक्षा, रोजगार या किसी अन्य क्षेत्र से भी संबंधित हो सकता है. तनाव के कारण लोगों के समक्ष आत्महत्या की मानसिकता प्रबल होने लगती है और लोग आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेते हैं.