नक्सली के आत्मसमर्पण के बाद एसपी और सीआरपीएफ कमांडेंट लातेहार:सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर नक्सली संगठन जेजेएमपी के सब जोनल कमांडर मुकेश जी उर्फ कमलेश सिंह ने शुक्रवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. लातेहार एसपी अंजनी अंजन, सीआरपीएफ के कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी और लातेहार एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्रा ने कमलेश सिंह को माला पहनाकर स्वागत किया.
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पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मुकेश सिंह पिछले 15 वर्षों से विभिन्न नक्सली संगठनों के साथ मिलकर नक्सली घटनाओं में शामिल रहा था. लेकिन, पुलिस की लगातार बढ़ रही दबिश और नक्सलियों के भटकाव के कारण मुकेश ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
इस संबंध में जानकारी देते हुए लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले कमलेश सिंह उर्फ मुकेश वर्ष 2008 में भाकपा माओवादी से जुड़ा रहा था. उसके बाद वर्ष 2010 में इसने माओवादी संगठन से हटकर नक्सली संगठन जेजेएमपी के साथ जुड़ गया और पिछले 13 वर्षों से सक्रिय था. एसपी ने बताया कि मुकेश पर लातेहार और पलामू जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में कई नक्सली कांडों में शामिल रहने का आरोप है.
सीआरपीएफ की भूमिका रही महत्वपूर्ण:नक्सली कमलेश सिंह को आत्मसमर्पण करने के लिए सीआरपीएफ और पुलिस के द्वारा संयुक्त रूप से प्रोत्साहित किया गया था. लेकिन, सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में सीआरपीएफ के अधिकारियों ने मुकेश को सरकार के आत्मसमर्पण नीति के लाभ की पूरी जानकारी दी. कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति की जानकारी दिए जाने के बाद मुकेश सिंह आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार हुआ.
दबाव में शामिल हुआ था माओवादी संगठन में:आत्मसमर्पण करने के बाद मुकेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2008 में माओवादियों के द्वारा उसे जबरदस्ती संगठन में शामिल कराया गया था. लगभग दो वर्षों तक माओवादी संगठन में रहने के बाद जब उसे लगा कि इनका नीति सिद्धांत ठीक नहीं है, तो वह माओवादी संगठन को छोड़कर जेजेएमपी नक्सली संगठन के साथ जुड़ गया. मुकेश ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से पुलिस के द्वारा नक्सलियों के द्वारा चलाए जा रहे अभियान के कारण नक्सली संगठन काफी कमजोर हुए हैं. इसी बीच पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों से उसने संपर्क किया और आत्मसमर्पण नीति की जानकारी ली. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक लातेहार तथा सीआरपीएफ कमांडेंट के सामने उसने आत्म समर्पण कर दिया.
लातेहार और पलामू जिले में सक्रिय था मुकेश: सब जोनल कमांडर मुकेश लातेहार और पलामू जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में सक्रिय था. यह मुख्य रूप से लातेहार के छिपादोहर, गारू, पलामू जिले के सतबरवा और लेस्लीगंज थाना क्षेत्र में अधिक सक्रिय था और यहां रहकर संगठन के लिए लेवी वसूली का कार्य करता था.
एसपी ने की अपील:इधर, पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने विभिन्न नक्सली संगठनों में सक्रिय नक्सलियों से अपील की है कि सरकार के आत्मसमर्पण नीति का लाभ लेते हुए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करें. एसपी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस हर संभव मदद करेगी.