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आदिवासी एकता महारैली को लेकर बंधु तिर्की ने किया जागरूक, कहा- आरएसएस और भाजपा के मकड़जाल से बचें

Bandhu Tirkey made tribals aware in Latehar. रांची में आदिवासी एकता महारैली 4 फरवरी को निकाली जाएगी. इसकी जानकारी देने और आदिवासी समाज को एकजुट करने के लिए कांग्रेस नेता बंधु तिर्की घूम-घूम कर आदिवासियों को जागरूक कर रहे हैं. इस क्रम में बंधु तिर्की लातेहार पहुंचे और आदिवासियों को जागरूक किया. साथ ही भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा.

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Bandhu Tirkey made tribals aware in Latehar

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 8, 2024, 10:09 PM IST

लातेहारःकांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बंधु तिर्की राज्य भर के आदिवासियों की एकता के लिए एक महारैली का आयोजन करने जा रहे हैं. बंधु तिर्की ने लातेहार में प्रेस वार्ता कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के मकड़जाल से आदिवासियों को बचाने के लिए यह रैली निकाली जा रही है. बंधु तिर्की ने भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना भी साधा. दरअसल, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बंधु तिर्की आदिवासी जनाधिकार मंच के माध्यम से आगामी 4 फरवरी 2024 को रांची में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन कर रहे हैं. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए बंधु तिर्की लातेहार पहुंचे हैं.

आदिवासियों को जगाने के लिए निकाली जा रही रैलीःबंधु तिर्की ने कार्यक्रम के क्रम में प्रेस वार्ता कर कहा कि वर्तमान में झारखंड राज्य में आदिवासी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. उनकी समस्याओं के समाधान के लिए महारैली निकाली जा रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा आदिवासियों के बीच फूट डालने के लिए तरह-तरह के प्रपंच रचे जा रहे हैं, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने कभी भी आदिवासियों के हित के लिए आवाज नहीं उठाई है.

आदिवासियों को मोहरा बनाकर स्वार्थ साधती है भाजपाः उन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला बोलते हुए कहा कि इनके द्वारा आदिवासियों को मोहरा बनाकर मात्र अपना स्वार्थ साधा जाता है. उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी सभा या मंच पर भाजपा और आरएसएस के द्वारा आदिवासियों के अधिकार को लेकर आवाज बुलंद नहीं की गई है. एनटीपीसी, डीवीसी समेत कई केंद्रीय एजेंसियां आज आदिवासियों की जमीन लूट रही है, परंतु इस पर भाजपा के लोग एक शब्द बोलने को तैयार नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इन एजेंसियों के हिस्सेदार भाजपा वाले खुद हैं. आदिवासियों की जमीन को लुटवाने में सबसे आगे भाजपा और उनके सहयोगी रहते हैं.

डीलिस्टिंग रैली पर भी किया कटाक्षः बंधु तिर्की ने कुछ दिन पूर्व निकाली गई डीलिस्टिंग रैली पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के लिए अलग सरना कोड की मांग करने में तो भाजपा और आरएसएस वाले कभी आवाज नहीं उठाते हैं, लेकिन आदिवासियों के बीच फूट डालने के लिए डीलिस्टिंग रैली जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि सरना आदिवासी और ईसाई आदिवासी के बीच मनमुटाव पैदा कर भाजपा राजनीतिक लाभ लेना चाह रही है. इस कारण अब आदिवासी समाज को सजग रहना होगा.

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